चित्ताौड़गढ़ जिला प्रशासन द्वारा चंपाखेड़ी तहसील भदेसर के निवासी किशन सिंह की मौत के बारे में कराई गई जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि किशन सिंह की मौत भूख से नहीं, बल्कि स्वास्थ्य खराब होने के कारण हुई है। चित्ताौड़गढ़ जिला कलक्टर स्वयं भी किशन सिंह के घर गए और उनके परिवारजनों से संपर्क किया। जिसमें ऐसा कोई तथ्य सामने नहीं आया कि स्व. किशन सिंह का परिवार भूख से पीडि़त है। इससे पहले...
More »SEARCH RESULT
डुबकी लगाने लायक भी नहीं है गंगा
नई दिल्ली [प्रणय उपाध्याय]। तारने वाली गंगा के पानी के मारक होने पर बहस हो सकती है मगर एक बात तय है कि अब गंगाजल आचमन तो छोड़िए नहाने लायक भी नहीं है। भागीरथी के दामन से प्रदूषण के दाग धोने पर अरबों रुपया बहाने के बावजूद सरकार के तथ्य बताते हैं कि कि गंगोत्री से लेकर डायमंड हार्बर के बीच अधिकतर स्थानों पर गंगा जल से दूर ही रहने में भलाई है। ...
More »सपनों का उत्ताराखंड बनाने आगे आई महिलाएं
कोटद्वार(पौड़ी गढ़वाल)। उत्ताराखंड महिला मंच ने जनपद पिथौरागढ़ में गौरा नदी पर बन रहे 18 छोटे-बड़े बांधों से प्रभावित जनता की ओर से लड़ी जा रही लड़ाई को आगे बढ़ाने का निर्णय लिया है। मंच ने नैनीताल, धारी व रामगढ़ में भू-माफियाओं के खिलाफ संघर्ष करने की भी बात कही है। रविवार को कोटद्वार में आयोजित मंच के प्रांतीय सम्मेलन में वक्ताओं ने कहा कि जल-जंगल व जमीन उत्ताराखंड का भूगोल नहीं बल्कि, उत्ताराखंडवासियों...
More »बीटी बैंगनः लड़ाई अब अंतिम दौर में
देश में बीटी बैंगन उगाने की अनुमति को लेकर बहस अब तेज हो गई है। बहुराष्ट्रीय कंपनी मोनसांटो और उसकी भारतीय साझेदार मायको इसकी तरफदारी कर रही हैं। तो स्वयंसेवी संस्थाएं व स्वतंत्र वैज्ञानिक इसका विरोध। दावों और विरोध का आधार क्या है? वैज्ञानिक सबूत क्या हैं? ऐसे में बीटी कॉटन का पिछले आठ साल का प्रदर्शन ही क्या बीटी बैंगन को उगाने की अनुमति का आधार हो सकता है? गुजरात: बीटी कॉटन से छाई खुशहाली बीटी...
More »ऐसे तो प्रदूषण मुक्त नहीं होगी गंगा
हरिद्वार। साधु-संत सामान्य तौर पर किसी बात पर एकमत कम ही होते हैं, लेकिन जब बात गंगा को प्रदूषण मुक्त करने की आई तो उन्होंने सनातन परंपरा को छोड़कर गंगा को प्रदूषण मुक्त बनाने में अपना विशेष योगदान दिया। संत एक राय हुए कि वह जल और भू-समाधि शासन की ओर से मुहैया की गई जमीन पर करेंगे, लेकिन लंबे समय बाद भी जिन दो स्थानों पर समाधि की सहमति...
More »