दिलीप साहू, रायपुर। प्रदेश के मुंगेली निवासी किसान श्रीकांत गोवर्धन ने बैलचलित सामान्य हल को अपनी सूझबूझ से ऐसा रूपांतरित किया है कि यह धान की कतार बोनी व बियासी में उपयोगी साबित हो रही है। इससे कतार बोनी के धान का बियासी के दौरान कम नुकसान हो रहा है। उनके इस प्रयोग से कम उर्वरक के साथ ही धान को कीड़ों से बचाव में भी सहायक है। इस प्रयोग को...
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छत्तीसगढ़ में फिर लहलहाएगी दुबराज, विष्णुभोग की फसल
दिलीप साहू, रायपुर। दो दशक पहले तक छत्तीसगढ़ की पहचान रहे दुबराज, जवाफूल, बादशाह भोग, विष्णु भोग, चिन्नौर जैसे सुगंधित धान अब विलुप्ति के कगार पर हैं। हाईब्रीड व अधिक उपज देने वाली स्वर्णा, एमटीयू 1010 जैसी किस्मों के विस्तार के साथ परंपरागत क्षेत्रीय सुगंधित धान की किस्में गांवों से ज्यादातर समाप्त हो चुकी हैं। विलुप्त होते ऐसे पारंपरिक सुगंधित धान की 30 से अधिक वेराइटी को फिर से सहेजने...
More »ओजोन प्रदूषण के कारण भारत के 9.4 करोड लोग रह जाते हैं भूखे
भारत देश में ओजोन लेयर के प्रदूषण में वृद्धि के कारण 9.4 करोड लोग भूखे रह जाते हैं. एक अमेरिकी भू-भौतिकविद संगठन के रिपोर्ट के मुताबिक भारत में धरती के उपरी तल पर ओजोन प्रदूषण की वजह से 1.29 अरब डालर मूल्य की 60 लाख टन गेहूं, चावल, सोयाबीन व कपास की फसल बर्बाद हो जाती है. अध्ययन में कहा गया है कि बर्बाद होने वाले इस गेहूं व चावल की...
More »बिहार-झारखंड धान उत्पादन के नये अगुवा
एक समय था जब भारत इतना भी गेहूं-चावल नहीं उगा पाता था कि अपने लोगों का पेट भर सके. लेकिन दौर बदला और 60 के दशक में आयी हरित क्र ांति से भारत के भंडार अनाज से भरने लगे. इस सफलता में अगर सबसे ज्यादा पसीना किसी का बहा, तो वो थे पंजाब और हरियाणा के किसान. उत्तर-पश्चिमी भारत के ये छोटे राज्य अपने मेहनतकश किसानों के बूते पूरे भारत...
More »म्यांमार के जियावडी गांव में बसता है ‘बिहार’
म्यांमार और भारत के रिश्ते सदियों पुराने हैं। लेकिन कम लोगों को ही पता होगा कि म्यांमार में भी एक ‘बिहार' बसता है। म्यांमार के बगो प्रांत का जियावडी गांव सवा सौ साल पहले धोखा देकर बिहार से लाए गए गिरमिटिया अर्थात अनुबंधित मजदूरों के वंशजों से आबाद है। ब्रिटिश शासन के दौरान अंग्रेजों ने बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश के हजारों लोगों को दुनिया के अनेक देशों में गिरमिटिया के...
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