रायपुर। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य बजट में बीते 4 साल में 900 करोड़ का इजाफा हुआ है। अत्याधुनिक मशीनों, उपकरणों की लगातार खरीदी हो रही है। दवाओं से गोदाम भरे हैं। नए अस्पताल, मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। लेकिन कमी है तो सिर्फ डॉक्टर्स (चिकित्सक) की, विशेषज्ञों (स्पेशलिस्ट) की। क्योंकि इनके बिना कोई इलाज मुमकिन नहीं। दूरस्थ क्षेत्रों में चिकित्सकीय सुविधाएं नहीं मिल रही हैं। वहीं दूसरी तरफ के बड़े इलाज जिनमें...
More »SEARCH RESULT
पोलावरम से होने वाले नुकसान का पता लगाने होगा सर्वे
विनोद सिंह, जगदलपुर। पोलावरम बांध के डूबान से दक्षिण बस्तर को होने वाले नुकसान का छत्तीसगढ़ शासन खुद सर्वे कराएगा। इसके लिए राज्य शासन ने पहली बार बजट में एक करोड़ रुपए की राशि का प्रावधान किया है। अविभाजित आंध्रप्रदेश सरकार छह साल पहले ही 52 लाख रुपए छत्तीसगढ़ शासन को सौंप चुकी है। छत्तीसगढ़ शासन के पास इस प्रोजेक्ट से सुकमा जिले को होने वाले नुकसान की जो भी दस्तावेजी...
More »गंगा पॉल्यूशन पर केंद्र सख्त, चार राज्यों के 764 औद्योगिक यूनिट पर लटकी तलवार
नई दिल्ली। गंगा बेसिन को प्रदूषण मुक्त बनाने की सरकार की मुहिम यूपी से लेकर पश्चिम बंगाल तक की करीब 764 औद्योगिक इकाइयों की मुश्किलें बढ़ा सकती है। स्वच्छ गंगा पर राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार व पश्चिम बंगाल की 764 उद्योगों सहित 118 नगर पालिकाओं और नगर निगमों को नोटिस भेजा है। इसके तहत एनएमसीजी ने उद्योगों और निगमों से गंगा प्रदूषण रोकने के लिए उठाए...
More »भूमि-अधिग्रहण पर महाभारत- दिनेश त्रिवेदी
वर्ष 1989 में जब वीपी सिंह के नेतृत्व में राष्ट्रीय मोर्चा सरकार सत्ता में आई थी तो उससे काफी उम्मीदें थीं। सरकार से आम लोगों की बहुत सारी अपेक्षाएं जुडी थीं। सामान्य धारणा यही थी कि वह लंबे अरसे तक सत्ता में बनी रहेगी, लेकिन यह सपना एक वर्ष में ही बिखरने लगा। मंडल आयोग का मुद्दा राष्ट्रीय मोर्चा सरकार के लिए वाटरलू साबित हुआ और अंतत: सरकार धराशायी हो...
More »100 वर्षों से लग रहा ऐसा हाट जहां नहीं होता भाव-ताव
डॉ. रमेश राठौर/शिवशंकर रोकड़े, नांद्रा। मध्यप्रदेश के खरगोन जिले के गांव नांद्रा में हर सोमवार को अनूठे तरीके से हाट का आयोजन होता है। सुबह 7 बजे से बाजार सज जाता है। ग्रामीण खरीदारी के लिए पहुंचते हैं और सुबह 10 बजे ही व्यापारी अपना पूरा व्यवसाय कर दुकानें समेट लेते हैं। इस तरह के हाट आयोजन से जहां ग्रामीण भी खरीदारी कर अपने रोजमर्रा के कामकाज में जुट जाते...
More »