देश में सड़कों पर चलना कितना खतरनाक हो गया है इसका आभास सिर्फ इन आंकड़ों से हो जाता है कि पिछले साल देश में रोज औसतन 410 लोग सड़क हादसों में मारे गए। 2015 में यह आंकड़ा करीब चार सौ था। हादसों का कारण चाहे बेलगाम रफ्तार हो या सड़कों की दुर्दशा, 2014 में हर एक घंटे में औसतन सोलह लोगों को सड़क हादसों में जान गंवानी पड़ी। इस अरसे...
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कर्नाटक के गृहमंत्री का बयान - महिलाओं को देर रात सड़क पर घूमने की जरूरत ही क्या है
फिर से एक बार महिला सुरक्षा पर सत्ता में बैठे राजनेता की तरफ से शर्मनाक बयान आया है। ताजा मामला कर्नाटक का है। राज्य के गृह मंत्री आर रामलिंगा रेड्डी का मानना है कि महिलाओं का देर रात बेंगलुरु की सड़कों पर निकलने का कोई मतलब नहीं है। रामलिंगा रेड्डी ने ये बयान विधान परिषद में दिया। परिषद में महिलाओं की सुरक्षा पक चर्चा चल रही थी। जब मीडिया ने...
More »धुंध के लिए सिर्फ किसान जिम्मेवार नहीं-- संजीव पांडेय
पूरे उत्तर भारत को घनी धुंध ने घेर रखा है और इसने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। इसकी चपेट में पड़ोसी पाकिस्तान भी है। गांव के मुकाबले शहरों में रहने वालों की मुश्किलें ज्यादा बढ़ी हैं। सड़कों पर निकलना मुश्किल है। रेलगाड़ियां घंटों विलंब से चल रही हैं। दूसरी तरफ दिल्ली से उत्तर भारत के कई राज्यों की तरफ जाने वाली सड़कों पर कई बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी...
More »हाइकोर्ट का निर्देश, चाइल्ड लेबर और ट्रैफिकिंग रोकने के लिए बनायें ‘प्लान ऑफ एक्शन’
रांची : झारखंड हाइकोर्ट में सोमवार को बच्चों के अधिकार व जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के प्रावधानों को लागू करने काे लेकर दायर जनहित याचिका पर सुनवाई हुई. जस्टिस अपरेश कुमार सिंह व जस्टिस बीबी मंगलमूर्ति की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए माैखिक रूप से कहा कि झारखंड में बच्चों की ट्रैफिकिंग व बाल श्रम एक गंभीर समस्या है. इस समस्या को समाप्त करने के लिए गंभीरता से कार्रवाई करने...
More »आर्थिक सुधारों की कठिन राह पर-- एन के सिंह
आर्थिक फैसले पूरी स्फूर्ति से लिए जा रहे हैं। भले ही अभी हम नोटबंदी और जीएसटी की बहस में उलझे हुए हों, मगर हाल ही में सरकार ने अर्थव्यवस्था में नई जान फूंकने के लिए कई आर्थिक उपायों की घोषणा की है। ये कई लक्ष्यों को हासिल करने के इरादे सेप्रेरित हैं। एक कहावत है कि बुराई को मजबूती तब मिलती है, जब हम कोई फैसला नहीं कर पाते या दूसरों...
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