उत्तराखंड में प्रकृति की विनाशलीला शायद कम हो सकती थी, अगर समय रहते इससे निबटने के लिए जरूरी इंतजाम कर लिये गये होते. लेकिन सीएजी की रिपोर्टो और नागरिक समाज द्वारा दी जानेवाली चेतावनियों के बावजूद भी सरकार नहीं चेती. कैसे काम करता है हमारा आपदा प्रबंधन तंत्र, आपदाओं का सफलतापूर्वक सामना करने में क्यों चूक जाते हैं हम, बता रहा है नॉलेज.. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि हमलोग...
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बाढ़: 34 जिले संवेदनशील घोषित, गंगा-यमुना के किनारे बसे गांवों में रेड अलर्ट
लखनऊ/आगरा. उत्तराखंड में बाढ़ से हुई तबाही को देखते हुए उत्तर प्रदेश में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है. खासकर उन इलाकों में जो गंगा और यमुना नदियों के किनारे हैं. इन इलाकों में रेड एलर्ट है और संबंधित अधिकारियों कर्मचारियों को 24 घंटे उपलब्ध रहने के निर्देश दिए गए हैं. बदले मौसम का सबसे ज्यादा असर फिलहाल यूपी के पश्चिमी इलाके में पड़ने की आशंका है, ये दोनों नदिया...
More »110 गांवों पर गिरा लहरों का कहर..
यमुनानगर/पानीपत/करनाल. मानसून के दस्तक देते ही उफनी यमुना से प्रदेश में बाढ़ आ गई है। हरियाणा के करीब 110 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। अगर यमुना का जलस्तर और बढ़ता है तो यमुनानगर, करनाल, पानीपत और सोनीपत जिले की नौ विधानसभा क्षेत्र में आने वाले 500 गांवों में बाढ़ का खतरा पैदा हो जाएगा। इन सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। अंबाला में भारतीय सेना...
More »खाद्यान्न में आत्मनिर्भरता के लिए पूर्वोत्तर को 200 करोड़- आर एस राणा
मणिपुर, मेघालय, नगालैंड, मिजोरम व सिक्किम में चावल की खेती के खास प्रयास पूर्वोत्तर भारत के राज्यों को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बनाने के लिए चालू वित्त वर्ष 2013-14 में 200 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया जाएगा। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (एनएफएसम) के तहत इन राज्यों में चावल का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा। एनएफएसएम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पूर्वोत्तर भारत के राज्यों को खाद्यान्न...
More »सूचना अधिकार की नजर- कनक तिवारी
जनसत्ता 17 जून, 2013: केंद्रीय सूचना आयोग के ताजा निर्णय के कारण राजनीतिक पार्टियों में खलबली मच गई है। आयोग का फैसला राजनीतिक पार्टियों की पीठ पर कोड़ा मारता दिखा, लेकिन उसे दलों ने पेट पर लात मारने की शक्ल में माना और अपनी जगहंसाई कराई। आयोग के सामने प्रश्न था कि क्या सूचनाधिकार अधिनियम की धारा 2 (ज) के अनुसार राजनीतिक दलों को लोक प्राधिकारी (पब्लिक अथॉरिटी) माना जा...
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