जनसत्ता 16 अप्रैल, 2013:नरेंद्र मोदी बार-बार प्रशासन की उस शैली की बात कहते रहे जिसे वे गुजरात-मॉडल का नाम देते हैं। क्या है यह गुजरात मॉडल? वे तीसरी बार मुख्यमंत्री बने हैं और इस लंबे दौर में एकदम निर्द्वंद्व सत्ता उनके हाथ में रही है। पहले दौर में उनकी प्रशासनिक शैली की एकमात्र उपलब्धि रही कि समाज के अल्पसंख्यकों और असहमत लोगों को डरा-धमका और मार डाल कर एकदम हाशिए...
More »SEARCH RESULT
निर्यात करने से भी ज्यादा नहीं घटा गेहूं का स्टॉक
सरकारी गोदामों से गेहूं के निर्यात को बढ़ावा दिए जाने के बावजूद मार्च के अंत तक स्टॉक में कोई खास कमी नहीं हो पाई है। सरकार को गेहूं का निर्यात बढ़ाने और भंडारण क्षमता हासिल करने के लिए और ज्यादा प्रयास करने होंगे क्योंकि नई फसल बाजार में आने वाली है और सरकारी खरीद का गेहूं रखने के लिए जगह की जरूरत होगी। सरकारी सूत्रों ने बताया कि एक अप्रैल को...
More »यही है इनक्रेडिबल इंडिया, गांव वालों ने बना डाला पुल
आनंदपुर साहिब [काली किंकर मिश्रा]।आनंदपुर साहिब के संत तूने कर दिया कमाल, दिलाने चले आजादी बिना सत्ता, बिना सरकारी माल.जी हां, साबरमती के संत ने बिना खडग बिना ढाल देश को आजादी दिलाई लेकिन आनंदपुर साहिब के संत बाबा लाभ सिंह ने कारसेवा के बल पर सतलुज दरिया के पार टापू में तब्दील आधा दर्जन से अधिक गांवों के ग्रामीणों को आजादी दिलाने का बीड़ा उठाया है। संत ने उठाया बीड़ा:- इन...
More »प्याज के निर्यात पर रोक लगाने से इंकार
सरकारी रुख प्याज के मूल्य में आई तेजी अस्थाई थी देश में 170 लाख टन प्याज का उत्पादन प्याज की खपत का आंकड़ा 150 लाख टन पर सरप्लस स्टॉक होने के कारण निर्यात की अनुमति केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने से इंकार किया है। उसका कहना है कि प्याज के मूल्य में अस्थाई तेजी...
More »पीड़ा में पहाड़िया- निराला की रिपोर्ट
झारखंड से लेकर बिहार, मध्य प्रदेश और उड़ीसा तक फैले पहाड़िया समुदाय के लिए जिंदगी उतनी ही दुश्वार है जितनी सदियों पहले थी. धरती के सबसे पुराने बाशिंदे कहे जाने वाले इन लोगों की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं. निराला की रिपोर्ट. हम झारखंड के सुंदरपहाड़ी इलाके के पहाड़ों पर हैं. चेबो नाम के एक गांव में, जिस तक उजले भारत की कोई चमक अब तक नहीं पहुंची है, हां, शोषण जरूर उन...
More »