अगर किसानों की आत्महत्या को किसानों की स्थिती का पैमाना माना जाए तो 2009 में किसानों के हालात बदतर हुए हैं. राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आकंडों के अनुसार भारत भर में 2009 के दौरान 17368 किसानों ने आत्महत्या की है. किसानों के हालात बुरे हुए हैं, इस बात का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि किसानों की आत्महत्या की ये घटनाएँ, 2008 के मुकाबले 1172 ज़्यादा है. इससे...
More »SEARCH RESULT
कुपोषण और शिशु मृत्यु दर के मामले में मप्र अव्वल
भोपाल. शिशु मृत्यु दर और कुपोषण के मामले में मप्र देश में अव्वल है। मातृ मृत्यु दर को लेकर भी प्रदेश केवल तीन राज्यों से ही बेहतर है। हालात इतने बिगड़ने के बाद अब जाकर राज्य सरकार चेती है और प्रदेश में कुपोषण दूर करने 24 दिसंबर से अटल बाल आरोग्य मिशन की शुरुआत की जा रही है। राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन (एनआरएचएम) के ताजा आंकड़ों के अनुसार सबसे ज्यादा...
More »राजनैतिक मर्यादा की प्रतिमूर्ति-योगेंद्र यादव
सुरेंद्र मोहन जी की चिता जलती देखकर फ़िर एक बार मन में विचार आया. इंडिया गेट पर ’अमर जवान ज्योति’ की तरह देश में कहीं-न-कहीं एक गुमनाम राजनैतिक कार्यकर्ता का स्मारक भी बनना चाहिए. बदन पर सादा, बिना प्रेस किया कुर्ता-पाजामा, पैर में रबड़ की चप्पल, कंधे पर झोला और आंखों में चमक. मूर्ति के नीचे लिखा जा सकता है ‘पूर्णकालिक राजनैतिक कार्यकर्ता’. जैसे सुरेंद्र मोहन जी थे.और कुछ नहीं तो...
More »सहकारी बैंकों को एक और वित्तीय पैकेज
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। लंबी अवधि के लिए कर्ज देने वाले सहकारी क्षेत्र के वित्तीय संस्थानों की वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए सरकार एक और पैकेज दे सकती है। इस संबंध में एक प्रस्ताव पर बुधवार को कैबिनेट की बैठक में विचार होने की संभावना है। इस पैकेज के तहत जिन राज्यों ने अपने सहकारी ढांचे में बदलाव का फैसला किया है उन्हें अतिरिक्त वित्तीय मदद दी जाएगी। सरकार...
More »आत्मसम्मान का मजबूत होता जज्बा-- योगेन्द्र यादव
-सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन द्वारा देश की राजधानी में आयोजित सम्मेलन अपने आप में एक ऐतिहासिक घड़ी थी. -सदियों से मैला उठाने वाला समाज अब टोकरी नहीं आवाज उठाना चाहता है, हाथ में झाड़ू नहीं किताब लेना चाहता है. -सरकार के झूठे वादों पर उम्मीद बांधने की बजाय अब इस समाज ने खुद मैलाप्रथा को खत्म करने की ठान ली है. आज भी कई लाख लोग अपने सर पर मैला उठाने को अभिशप्त हैं....
More »