पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणाम आने से एक दिन पहले राहुल गांधी तड़के ही भट्टा पारसौल पहुंच गए थे। उसी दिन उनकी गिरफ्तारी होने तक वे उन लोगों के बीच थे, जो एक तरफ पुलिस व सैन्य बल और दूसरी तरफ भूमि हस्तांतरण के विरोध में प्रदर्शन कर रहे ग्रामीणों के बीच हो रहे संघर्ष में पिस रहे थे। लेकिन इसके बाद जो हुआ, उसमें कुछ भी...
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लोकतंत्र का लट्ठ- रेयाज उल हक (तहलका)
भट्टा-पारसौल में जो हुआ और जिस अंदाज में हुआ उससे साफ है कि उत्तर प्रदेश सरकार को असहमति और विरोध के लोकतांत्रिक अधिकार की जरा भी परवाह नहीं. रेयाज उल हक की रिपोर्ट अगर यह लोकतंत्र है तो भट्टा-पारसौल के लोगों ने इसका मतलब देखा और महसूस किया है. देश की संसद से बमुश्किल 70 किलोमीटर दूर बसे 6000 जनों की आबादी वाले इस गांव ने लोकतंत्र को गोलियों के रूप...
More »अधिग्रहण का आदेश वापस लेने पर ही खत्म होगा आंदोलन
अंबाला, जागरण संवाद केंद्र : किसान संघर्ष समिति के बैनर तले किसानों का पंजोखरा आइएमटी के लिए जमीन अधिग्रहण के विरोध में आदोलन सोमवार को भी जारी रहा। भाजपा विधायक दल के नेता अनिल विज के आंदोलन को समर्थन देने से किसानों के हौसले बुलंद हो गए हैं। किसानों ने किसी भी कीमत पर जमीन का अधिग्रहण नहीं होने देने की चेतावनी दी है। किसानों ने आइएमटी के लिए जमीन अधिग्रहण...
More »इतिहास के आईने में किसान आंदोलन-- योगेंद्र यादव
इधर राहुल गांधी का भट्टा-परसौल में आना हुआ तो उधर चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत का जाना. पहली नजर में इन दोनों घटनाओं का आगे-पीछे होना विशुद्ध संयोग है. लेकिन जरा गौर से देखें तो इस संयोग में गहरे निहितार्थ छिपे दिखाई देते हैं. यहां किसान आंदोलन के भूत, वर्तमान और भविष्य को जोड़ने वाले कुछ तार बिखरे पड़े हैं. राहुल गांधी का आना किसान आंदोलन की तात्कालिक विजय का प्रतीक...
More »किसानों का जज्बा बनाम विधायक की जिद
अम्बाला। एक तरफ उपजाऊ जमीन से जुड़े रहने का किसानों का जज्बा है वहीं दूसरी तरफ यही जमीन लेने की विधायक विनोद शर्मा की जिद। अम्बाला में इंडस्ट्रियल मॉडल टाउनशिप (आईएमटी) का मामला अब किसान बनाम विधायक बन गया है। विधायक ने आईएमटी के पक्ष में हस्ताक्षरों का गत्था सौंपा लेकिन अम्बाला रैली में मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने इस पर कोई सार्वजनिक घोषणा नहीं की। शायद इसके पीछे एक...
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