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विषमता की बढ़ती खाई-- जयराम शुक्ल

मुट्ठी भर गोबरी का अन्न लेकर लोकसभा पहुंचे डॉ राममनोहर लोहिया ने तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरूसे कहा- लीजिए, आप भी खाइए इसे, आपके देश की जनता यही खा रही है। पिछले दिनों जब विश्व के भुखमरी सूचकांक (हंगर इंडेक्स) में 119 देशों में भारत के सौवें स्थान पर होने के बारे में पढ़ा तो 1963 का नेहरू-लोहिया का वह प्रसंग जीवंत हो गया, जिसमें लोहिया ने तीन आने बनाम पंद्रह...

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भुखमरी से निपटने की चुनौती-- निरंकार सिंह

दुनिया की 7.1 अरब आबादी में अस्सी करोड़ यानी बारह फीसद लोग भुखमरी के शिकार हैं। बीस करोड़ भुखमरी के शिकार लोगों की संख्या के साथ भारत इसमें पहले नंबर पर है। यह हाल तब है जब दुनिया में भरपूर अनाज और अन्य खाद्य पदार्थों की पैदावार हो रही है। दुनिया भर में कहीं गृहयुद्ध तो कहीं प्राकृतिक आपदाओं के चलते लोग अपने घरों, अपने देश से दर-बदर हो रहे...

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जीएसटी की जटिलताओं से बेचैन - संजय गुप्त

पिछले वर्ष आठ नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब दीपावली के तुरंत बाद नोटबंदी का ऐलान किया था, तब एक बड़े व्यापारी वर्ग को यह लगा था कि सरकार के इस कदम से उसके समक्ष तमाम मुश्किलें खड़ी हो गई हैं। नोटबंदी को लेकर व्यापारी वर्ग के असंतोष के बाद भी मोदी सरकार इसे लेकर आश्वस्त थी कि यह एक आवश्यक कदम है और आगे चलकर इसका आर्थिक लाभ...

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ताजा भूख सूचकांक में भारत-- सुभाष गताड़े

आज वर्ल्ड फुड डे (विश्व अन्न दिवस) है, जिसके जरिये भूख के खिलाफ मानवता के संघर्ष के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहरायी जानी है. इस दिवस पर भारत में भी सरकारी स्तर पर आयोजन होते हैं. विडंबना ही है कि भारत में बढ़ती भूख के ताजा आंकड़े इस पूरी आपाधापी में कुछ बेसुरे ही मालूम होंगे. क्योंकि, हाल में दो अलग-अलग रिपोर्टों ने भारत में विकराल होती भूख की समस्या पर...

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रसायनों से जहरीली होती जमीन -- पंकज चतुर्वेदी

हाल ही में महाराष्ट्र के यवतमाल जिले में कीटनाशक की चपेट में आकर अठारह किसानों और खेत में काम कर रहे मजदूरों की मौत हो गई है। बीते बीस दिनों के दौरान कोई पांच सौ किसान और श्रमिक अस्पताल में भर्ती हुए हैं। असल में, इस इलाके में कपास की खेती होती है। इस बार कपास में गुलाबी कीड़े (पिंक बोलवर्म) आ गए हैं। मजबूरन किसानों ने प्रोफेनोफॉस जैसे जहरीले...

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