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ग्लोबल वार्मिग पर सभी देश एकजुट हो

कोपेनहेगन। संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने कोपेनहेगन में जलवायु परिवर्तन संबंधी समझौते को अमलीजामा पहनाने के लिए विश्व नेताओं से अपील की है। यहां गुरुवार शाम मीडिया के साथ बातचीत में मून ने कहा कि विश्व नेताओं को जलवायु परिवर्तन संबंधी समझौते को आकार देना होगा। उन्होंने कहा कि वह आशावान है कि यह समझौता हो जाएगा। मून ने कहा कि उन्हे उम्मीद है कि कोपेनहेगन में जलवायु परिवर्तन को...

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विकसित देश पैसा व तकनीक दें

नयी दिल्ली  प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने कहा है कि जलवायु परिवर्तन के मसले पर भारत और कदम उठाने के लिए तैयार है, बशर्ते विकसित देशों की ओर से विकासशील देशों को ओर्थक सहायता और तकनीक दोनों उपलब्ध करायी जाये.        कोपेनहेगन में चल रहे संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में भाग लेने के लिए रवाना होने से पूर्व जारी एक वक्तव्य में उन्होंने कहा कि वह वहां सकारात्मक चर्चाओं की उम्मीद कर रहे हैं. भारत का...

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विकासशील देशों के साथ खड़ा है भारत

कोपेनहेगन। भारत ने पहली बार औपचारिक रूप से स्पष्ट कर दिया है कि वह जलवायु परिवर्तन शिखर सम्मेलन में विकासशील देशों के रुख के साथ है। पर्यावरण मंत्री जयराम रमेश ने बुधवार को जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए कहा कि समान उत्तरदायित्व के साथ ही ऐतिहासिक उत्तरदायित्व का सिद्धांत भी उतना ही स्वीकार्य होना चाहिए। रमेश के बयान के बाद विकासशील...

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जलवायु परिवर्तन का जानलेवा असर बच्चों पर

बच्चे जलवायु-परिवर्तन के जिम्मेदार तो नहीं हैं लेकिन जलवायु परिवर्तन की सबसे गहरी चोट उन्हीं को लगेगी। जलवायु-परिवर्तन से बच्चों की जिन्दगी को सबसे ज्यादा खतरा है।बाल अधिकारों की वैश्विक संस्था सेव द चिल्ड्रेन द्वारा जारी फीलिंग द हीट-चाइल्ड सरवाईवल इन चेजिंग क्लाइमेट नामक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक स्तर पर बच्चों की सेहत को सबसे बड़ा खतरा जलवायु परिवर्तन से है।(देखें नीचे दी गई लिंक)   रिपोर्ट...

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पूर्वानुमानों से कहीं ज्यादा तेज है जलवायु परिवर्तन की गति

400 की तादाद में मुख्य वैज्ञानिक अध्ययनों पर आधारित यूएन की हालिया पर्यावरण रिपोर्ट में कहा गया है कि जलवायु परिवर्तन का खतरा पहले के अनुमानों से कहीं अधिक है।यूएनईपी क्लाइमेट चेंज साईंस कंपेडियम 2009 की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि समुद्र तल साल 2100 तक 2 मीटर ऊँचा उठ सकता है।(देखें संबंधित रिपोर्ट की नीचे दी गई लिंक)।   रिपोर्ट में कहा गया है कि ग्लेशियर, हिमाच्छादन और ध्रवीय प्रदेशों का नाश अनुमान से...

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