बुजुर्ग समाजवादी चिंतक सच्चिदानंद सिन्हा के लेख व भाषण हम समय-समय पर छापते रहते हैं, जिनमें वह बार-बार चिह्न्ति करते हैं कि पर्यावरण और प्रकृति के विनाश के लिए अगर कोई जिम्मेदार है, तो वो है औद्योगीकरण और उपभोग आधारित अर्थव्यवस्था. और अगर इनसान नहीं चेता, तो इसी की वजह एक दिन वह खुद भी नष्ट हो जायेगा. एक और क्षेत्र उनकी चिंता में स्थायी रूप से रहता है कि अब...
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4 राज्यों की 700 से अधिक उद्योग को राहत, 30 जून तक नियंत्रित करना होगा प्रदूषण
नई दिल्ली। गंगा बेसिन को प्रदूषण मुक्त बनाने की कोशिश कर रही केंद्र सरकार ने 700 से अधिक उद्योगों को 30 जून तक की राहत दी है। अब इन उद्योगों को 30 जून तक अपनी यूनिट में सेंसर आधारित सिस्टम लगाना होगा। इससे पहले केंद्र ने यूपी, उत्तराखंड, बिहार, पश्चिम बंगाल की ऐसी 764 औद्योगिक इकाइयों को प्रदूषण की निगरानी के लिए 31 मार्च तक सेंसर आधारित सिस्टम लगाने का...
More »जन-स्वास्थ्य की पहली शर्त सुरक्षित भोजन- पूनम खेत्रपाल सिंह
कितनी बार हम खुद से पूछते हैं कि जो भोजन हम खा रहे हैं, क्या वह सुरक्षित है? क्या वह जीवाणु, वायरस, रसायनों या मिलावट से रहित है, जो डायरिया से लेकर कैंसर तक 200 तरह के रोगों का कारण बन सकते हैं? हर वर्ष दूषित भोजन व पानी के कारण दुनिया भर में 22 लाख लोग मौत के मुंह में पहुंच जाते हैं, इनमें 19 लाख बच्चे होते हैं।...
More »गंगा पॉल्यूशन पर केंद्र सख्त, चार राज्यों के 764 औद्योगिक यूनिट पर लटकी तलवार
नई दिल्ली। गंगा बेसिन को प्रदूषण मुक्त बनाने की सरकार की मुहिम यूपी से लेकर पश्चिम बंगाल तक की करीब 764 औद्योगिक इकाइयों की मुश्किलें बढ़ा सकती है। स्वच्छ गंगा पर राष्ट्रीय मिशन (एनएमसीजी) ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, बिहार व पश्चिम बंगाल की 764 उद्योगों सहित 118 नगर पालिकाओं और नगर निगमों को नोटिस भेजा है। इसके तहत एनएमसीजी ने उद्योगों और निगमों से गंगा प्रदूषण रोकने के लिए उठाए...
More »बेहतर है सब्जी का उत्पादन- एस एस सिंह
देश में सब्जियों की खेती 90.2 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में की जाती है, जिसमें कुल उत्पादन 16.21 करोड़ टन (162.18 मिलियन टन) होता है। देश में सब्जी की औसत उत्पादकता 17.36 टन प्रति हेक्टेयर है। सब्जियों के क्षेत्रफल में भारत की हिस्सेदारी विश्व में 12.16 प्रतिशत है, जबकि उत्पादन में 11 फीसदी। वैश्विक सब्जी उत्पादन में भारत का स्थान चीन के बाद दूसरा है। पिछले 15 वर्षों में राष्ट्रीय स्तर पर...
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