सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायर्नमेंट ने दिल्ली की दुकानों से लिये गये चिकेन के 70 नमूनों पर शोध में 40 फीसदी चिकेन में एंटीबायोटिक दवाइयां पायी हैं. इन नमूनों के 22.9 फीसदी में एक एंटीबायोटिक और 17.1 फीसदी में एक से अधिक एंटीबायोटिक मिले हैं. हालांकि इन दवाइयों की मात्रा बहुत अधिक नहीं है, पर इस शोध से दो खतरनाक संकेत मिलते हैं. एक, एंटीबायोटिक मिले मांस के निरंतर सेवन...
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हिन्दी के विस्थापन का दौर- प्रभु जोशी
जनसत्ता 31 जुलाई, 2014 : अगर आप हिंदी को गरियाने के लिए आगे आने का नेक इरादा रखते हैं तो फिर निश्चिंत हो जाइए कि अब आप अकेले नहीं हैं, बल्कि वित्तीय पूंजी के इस सर्वग्रासी दौर में, नई-नई विचार प्रविधियों से, उपनिवेशीकृत बनाए जा रहे, भारतीय मध्यवर्ग के बुद्धिजीवियों की एक पूरी रेवड़ आपके पीछे दौड़ी चली आने वाली है। इस अनुगामिनी भीड़ को अगर आप थोड़े अतिरिक्त उन्माद...
More »जुर्म का गढ़ बनता जा रहा है यूपी- फरजंद अहमद
राजनीति की केमिस्ट्री की एक खासियत है कि जो चीज जितनी तेजी से बदलती है, वह उतनी ही तेजी से अपने मूल की ओर लौट भी जाती है। इसीलिए उत्तर प्रदेश में लगातार सांप्रदायिक दंगों और फिर रेप जैसी शर्मनाक घटनाओं पर हो रहे हंगामे में अखिलेश यादव सरकार उलझ गई है। इसकी वजह भी है। हर घटना इसी बात की ओर इशारा करती है कि देश का सबसे बड़ा...
More »इंसेफ्लाइटिस: अब तक 106 लोगों की मौत
कोलकाता. उत्तर बंगाल के सात जिलों में इंसेफेलाइटिस का प्रकोप कम होता दिखायी दे रहा है. बुधवार से अब तक इस बीमारी से केवल एक व्यक्ति की मौत की खबर आयी है. इस बीमारी के कारण मरनेवालों की संख्या अब बढ़ कर 106 हो गयी है. राज्य के स्वास्थ्य सेवा निदेशक विश्वरंजन सतपति ने बताया कि बुधवार से उत्तर बंगाल मेडिकल कॉलेज अस्पताल (एनबीएमसी) में मौत का एक और मामला सामने...
More »प्रदर्शनी की वस्तु नहीं हैं जारवा आदिवासी
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 2002 में लगाई गई पाबंदी के बावजूद क्या अंडमान की जारवा जनजाति के लिए संरक्षित इलाकों में जारवा पर्यटन को बढ़ावा नहीं दिया जा रहा है? अगर अंडमान ग्रैंड ट्रंक रोड पर वाहनों की बढ़ती कतारें देखें, तो कुछ ऐसा ही समझ में आता है। उल्लेखनीय है कि अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रही जारवा आदिम जनजाति के इलाकों में पर्यटकों की बढ़ती आवाजाही को देखते हुए...
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