राजेश छौंकर, नूंह : मई दिवस को मजदूर दिवस के रूप में मनाया जाता है। अपनी मागों को लेकर आए दिन प्रदर्शन करते मजदूरों की स्थिति मेवात में अच्छी नहीं कही जा सकती। इनके लिए न स्वच्छ पानी की व्यवस्था है न ही इनके बच्चों के लिए पाठाशाला की। नहीं है शौचालय व पेयजल व्यवस्था मेवात में 90 फीसदी भट्ठों पर मजदूरों के लिए शौचालय आदि की व्यवस्था नहीं है। इससे महिलाओं को...
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हैवानियतः मजदूर को पत्थरों से पीट-पीट मार डाला
मानपुरा. बद्दी के कल्याणपुर में एक श्रमिक की पत्थरों से पीट-पीट कर हत्या कर दी। आरोपी ने सुराग मिटाने के लिए शव पर पैट्रोल छिड़ककर जलाने की की कोशिश की। कामगार की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है। पुलिस ने घटनास्थल से मिले साक्ष्यों के आधार पर हत्या का मामला दर्ज करके छानबीन शुरू कर दी है। वीरवार सुबह सरसा नदी के पास बंद पड़ी अपर संडोली उठाऊ पेयजल योजना...
More »हुण कोई उम्मीद नहीं बचीः 100 घंटे बीते, 62 बचाए,13 शव निकाले
जालंधर. शीतल फाइबर्स के मलबे में क्या कोई नहीं बचा है? बचाव दल एनडीआरएफ (नेशनल डिजास्टर रेस्क्यू फोर्स) ने जीवित लोगों की तलाश खत्म करने के साथ ही इसके पिलरों पर लिख दिया है - नो विकटिम लाइव। यानी अब कोई मजदूर नहीं बचा है। फोर्स ने वीरवार की रात नया ऑपरेशन शुरू किया। यह काम है शवों की निशानदेही करना। वैसे चमत्कार की आस खत्म नहीं हुई है। जीवित लोगों की...
More »84 घंटे बाद आई आवाज, मैं जिंदा हूं
हादसे को पांच दिन हो गए। पांच दिन बाद भारी-भरकम मलबे के नीचे किसी के जिंदा होने की कल्पना भी असंभव सी लगती है, लेकिन अचानक घटना के 84 घंटे बाद मलबे से आई एक पांच सैकेंड की फोन कॉल ने कई श्रमिकों के परिजनों के हृदय में वह आस जगा दी है, जिसे वह पूरी तरह छोड़ चुके थे। एनडीआरएफ की टीम घटनास्थल पर काम कर रही थी। इस...
More »असंगठित मजदूरों को भी साइकिल
रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार ने 40 प्रकार के असंगठित मजदूरों को भी साइकिल और सिलाई मशीन देने का फैसला किया है। आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि राज्य सरकार ने नाई, धोबी, दर्जी, माली, मोची और बुनकर सहित 40 प्रकार के असंगठित मजदूर वर्ग के लिए भी विभिन्न नई कल्याण योजनाएं शुरू करने का निर्णय लिया है, जिनमें सिलाई मशीन सहायता, साइकिल सहायता, साइकिल-रिक्शा सहायता, चिकित्सा सहायता और अन्त्एष्टि...
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