केंद्र सरकार की ओर से 500 और 1000 रुपये के नोट के प्रचलन से बाहर करने के फैसले के बाद लोगों ने सोने की जमकर खरीददारी की। लोगों ने पुराने नोटों से तकरीबन 2700 करोड़ रुपये का सोना खरीदा। इनमें हैदराबाद के लोग भी शामिल है जिन्होंने 8 नवंबर से 30 नवंबर के बीच करीब 2700 करोड़ रुपए का सोना खरीदा डाला। इतनी बड़ी मात्रा में सोने की खरीद पर प्रवर्तन...
More »SEARCH RESULT
चुनावी चंदा: राजनीतिक दलों की आय बढ़ी लेकिन टैक्स और RTI से बाहर
500-1000 रुपये के पुराने नोट बंद होने के बावजूद राजनीतिक पार्टियों को पुराने नोटों को बैंकों में जमा करने कर इनकम टैक्स नहीं लगेगा। आईटी ऐक्ट, 1961 के सेक्शन 13A राजनीतिक दलों को टैक्स से छूट प्राप्त है। इसके अलावा राजनीतिक दल सूचना का अधिकार (आरटीआई) के दायरे में भी नहीं आते हैं। हालांकि, पिछले दस सालों में राजनीतिक दलों की आय में करोड़ों रुपये का इजाफा है। इसी साल...
More »हांकने की फांस, गेहूं बना ग्रास-- अनिल रघुराज
शरद पवार जैसे बहुरंगी कलाकार की जगह उन्नीस महीने पहले जब राधा मोहन सिंह को देश का कृषि मंत्री बनाया गया, तो आम धारणा यही बनी कि जमीन से जुड़े नेता होने के नाते वे कृषि अर्थव्यवस्था ही नहीं, किसानों के व्यापक कल्याण का भी काम करेंगे. संयोग से करीब सवा साल बाद मंत्रालय का नाम भी बदल कर कृषि व किसान कल्याण मंत्रालय कर दिया गया. लेकिन, उसके बमुश्किल...
More »नजरें अब अगले बजट पर रहेंगी-- आर. सुकुमार
अगले साल हमारी संसद में कामकाज कुछ जल्दी ही शुरू हो जाएगा। शीतकालीन सत्र के पूरी तरह बेकाम चले जाने व जीएसटी यानी वस्तु और सेवा कर को लागू करने की समय-सीमा टलने के खतरे को देखते हुए सरकार जनवरी के दूसरे सप्ताह से संसद का बजट सत्र बुला सकती है। आम बजट भी एक फरवरी को पेश किया जाएगा। मुझे आगामी बजट में लोक-लुभावन घोषणाओं की उम्मीद है। बीते...
More »राजनीतिक सुधार से डर किसको?-- उर्मिलेश
जब कभी संसद में गतिरोध, उलझाव व टकराव देखता हूं, तो बहुत हैरान या चकित नहीं होता. अपनी लोकतांत्रिक चुनौतियों की लगातार अनदेखी करते रहने का यह सब नतीजा है. बीते कई दशकों से हमारे नीति-निर्धारक और पार्टी-व्यवस्था के संचालक अपनी अंदरूनी राजनीतिक चुनौतियों को संबोधित करने से लगातार बचते रहे हैं. भारत ने अाजादी के बाद अपनी लोकतांत्रिक यात्रा की शुरुआत बहुत धीर-गंभीर ढंग से की थी. आजादी की...
More »