देहरादून [अनिल उपाध्याय]। उत्तराखंड में प्राथमिक शिक्षा का स्तर दिनों दिन गिरता जा रहा है। स्कूलों में गुरुजी आराम फरमा रहे हैं और बच्चे मस्ती में व्यस्त हैं। हालात कितने खराब हैं कि पाचवीं से आठवीं तक के बच्चों को कक्षा एक की किताब पढ़ने में दिक्कत होती है। छात्र जोड़-घटाने में कच्चे हैं। गुणा-भाग तो दूर की बात हैं। अंग्रेजी अक्षरों का ज्ञान बहुत सीमित है। चौंकाने वाली बात यह...
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फाइलों में कैद होकर रह गयी सर्व शिक्षा अभियान की योजना
श्रावस्ती, 3 अगस्त : प्राथमिक शिक्षा की नींव को मजबूत करने के लिए सर्वशिक्षा योजना के तहत अभिभावकों को जागरूक करने के लिए सरकार ने योजानाओं की भरमार तो कर दी। यह सारी योजनाएं फाइलों तक सिमट कर रह गयी है। पात्र योजना के लाभ के लिए छटपटा रहे हैं। विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं शिक्षा मित्रों के चलते नि:शुल्क पुस्तक वितरण ड्रेस, मिड डे मील आदि योजनाएं असफल दिखाई दे...
More »बच्चों का भविष्य संवार रहे 24 हजार अप्रशिक्षित शिक्षक
भोपाल। चौबीस हजार से अधिक अप्रशिक्षित शिक्षक प्रदेश की शालाओं में बच्चों को भविष्य संवार रहे हैं। प्रदेश में स्कूलों में पढ़ा रहे करीब 7 हजार 660 संविदा शिक्षक वर्ग-2 और 17 हजार 240 संविदा शिक्षक वर्ग-3 अप्रशिक्षित हैं। इनके अध्यापक वर्ग में संविलियन के लिए उनका तयशुदा शैक्षणिक योग्यता के साथ शिक्षण-प्रशिक्षण पाठ्यक्रम उत्तीर्ण करना अनिवार्य रहेगा। श्रेणी-3 के संविदा शाला शिक्षकों को डीएड/ बीटीसी और डीएसई प्रशिक्षण पाठ्यक्रम उत्तीर्ण...
More »भोजन बन नहीं रहा, बच्चे लौट रहे भूखे
मुजफ्फरपुर, जागरण टीम। सरकार की अति महत्वाकांक्षी मध्याह्न भोजन योजना का हाल यह है कि चावल के अभाव में उत्तर बिहार के जिलों के आधा से ज्यादा स्कूलों में मध्याह्न भोजन बन ही नहीं रहा है, बच्चे भूखे घर लौट रहे हैं। पड़ताल से पता चलता है कि व्यवस्था स्कूलों तक चावल पहुंचाने में ही विफल हो चुकी है, खिचड़ी बने तो कैसे? कहीं निविदाएं नहीं निकाली जा सकीं तो कहीं...
More »विद्रोह के केंद्र में दिन और रातें
जाने-माने मानवाधिकार कार्यकर्ता और ईपीडब्ल्यू के सलाहकार संपादक गौतम नवलखा तथा स्वीडिश पत्रकार जॉन मिर्डल कुछ समय पहले भारत में माओवाद के प्रभाव वाले इलाकों में गए थे, जिसके दौरान उन्होंने भाकपा माओवादी के महासचिव गणपति से भी मुलाकात की थी. इस यात्रा से लौटने के बाद गौतम ने यह लंबा आलेख लिखा है, जिसमें वे न सिर्फ ऑपरेशन ग्रीन हंट के निहितार्थों की गहराई से पड़ताल करते हैं, बल्कि माओवादी...
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