आंकड़ों की नजर से देखा जाये, तो भारतीय कृषि सहज बोध को धता बतानेवाली अजूबे सी दिखती है. कुछ इस तरह कि भारत की विकास दर के दहाई पार कर देश को अगली विश्व शक्ति बनाने के सपने दिखाने के ठीक बाद वैश्विक आर्थिक मंदी की चपेट में आते हुए ध्वस्त हो जाने पर कृषि क्षेत्र में सुधार ने ही संभाला था. और यह भी कि कुल आबादी के करीब 67...
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किसान-उपभोक्ता के बीच उलझी कृषि- डा भरत झुनझुनवाला
बताया गया था कि डब्ल्यूटीओ संधि के लागू होने पर कृषि निर्यात बढ़ेंगे और किसानों के लिए नये मौके खुलेंगे. लेकिन आयातों से किसान घरेलू बाजारों से भी वंचित हो रहे हैं. इसलिए डब्ल्यूटीओ संधि नहीं, बल्कि सरकार की कृषि नीति जिम्मेवार है. आगामी चुनाव में किसानों का वोट हासिल करने को पार्टियों में होड़ लगी हुई है. किसानों को ऋण एवं अन्य सुविधाएं देने का वायदा किया जा रहा है....
More »70 प्रतिशत पैकेज्ड वाटर सुरक्षित नहीं
कोलकाता: भारत में 70 प्रतिशत पैकेज्ड ड्रिंकिंग वाटर सुरक्षित नहीं हैं. पानी की बोतलों पर ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड (बीआइएस) द्वारा सर्वे जारी किया गया है. बीआइएस के महानिदेशक सुनील सोनी ने बताया कि बोतलों की पैकेजिंग एंड लेबलिंग में धांधली का मामला सामने आया है, इसलिए ब्यूरो ऑफ इंडियन स्टैंडर्ड ने इस पर रिसर्च और सर्वे शुरू किया, ताकि यह पता चल सके कि मिनरल वाटर में होनेवाले जरूरी तत्व पानी...
More »हिसार में बनेगा गेहूं अनुसंधान निदेशालय का रिजनल फार्म
करनाल के गेहूं अनुसंधान निदेशालय को हिसार के केंद्रीय भैंस अनुसंधान संस्थान ने दो सौ एकड़ जमीन फार्म के लिए दी है। अब गेहूं निदेशालय गेहूं के अलावा कपास और ज्वार की फसल पर शोध कर दूसरी किस्मों को भी विकसित करेगा। हिसार में मिली जमीन पर उगे जंगल को निदेशालय ने साफ कराकर उसे खेती योग्य बनाने का काम शुरू कर दिया है। दो सौ एकड़ में से 50 एकड़...
More »डूबते को तिनके का सहारा..
कहते हैं डूबते को तिनके का सहारा होता है। यह कहावत “निजो गृह-निजो भूमि” कार्यक्रम के हितग्राही पश्चिम बंगाल के भूमिहीन परिवारों पर सटीक बैठती है। इंटरनेशनल फूड एंड पॉलिसी रिसर्च इंस्टीट्यूट ने इंडिया स्टेट हंगर इंडेक्स(2008) में पश्चिम बंगाल में भुखमरी की दशा को खतरनाक करार दिया था। समस्या से निपटने के दूरगामी उपाय के रुप में पश्चिम बंगाल की सरकार ने राज्य के भूमिहीन परिवारों को आवास और खेती-बाड़ी...
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