जयपुर. गुड गवर्नेंस है तो वह धरातल पर दिखनी भी चाहिए। यदि लीज मनी जमा कराने के 40 साल बाद भी जमीन का मालिकाना हक नहीं मिलता, प्रसव कराने के लिए पानी साथ लेकर जाना पड़ता है और ईमानदार कर्मचारी को दफ्तर में पोस्टिंग नहीं मिलती तो ऐसे में गुड गवर्नेंस पर संदेह होता है। सरकार के संभागीय स्तरीय दौरों को लेकर पिछले दो दिन से चल रही "भास्कर ऑडिट'...
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आप भी शुरू करें अपना रेडियो स्टेशन- आर के नीरद
मित्रों, पिछले अंक में हमने बात कि कैसे आप भी अपना अखबार निकाल सकते हैं और उसके जरिये गांव-पंचायत में बदलाव ला सकते हैं. इस अंक में हम बात कर रहे हैं सामुदायिक रेडियो की. आप जानते हैं कि जब गांवों में अखबार नहीं पहुंचा था, तब रेडियो ही लोगों के मनोरंजन, ज्ञान और सूचना का बड़ा माध्यम था. आज भी वहां रेडियो के कार्यक्रम और समाचार सुने जाते हैं,...
More »एक गांव जहां लड़कों से दोगुनी लड़कियां
वर्ष 2011 की जनगणना में हरियाणा में छह वर्ष तक के बच्चों के लिंगानुपात का जो आंकड़ा सामने आया वह चिंता में डालने वाला था. 1000 लड़कों पर महज 834 लड़कियां थीं. राज्य में यह स्थिति पिछले कई दशकों से है. लेकिन, कुछ गांवों से ऐसी खबरें आयी हैं जो हालात बदलने की उम्मीद पैदा करती हैं. लिंग अनुपात के मामले में देश में सबसे बुरी स्थिति हरियाणा की है. यहां...
More »खाने-पीने की चीजों की महंगाई कम करने में विफल रही सरकार
नई दिल्ली। आलू और टमाटर जैसी सब्जियों के साथ-साथ खाने-पीने की लगभग तमाम चीजों के दाम बढ़ने का सिलसिला जारी है। इनकी कीमतें कम करने के लिए निर्यात पर अंकुश लगाने और जमाखोरी पर लागम कसने जैसे उपाय किए गए, लेकिन अब तक उनका असर नहीं नजर आया। जून की शुरुआत से लेकर अब तक टामाटर के भाव चार गुना से ज्यादा बढ़ गए। आलू की कीमत भी डेढ़ गुनी से...
More »छोटे किसानों के हित में- एम के वेणु
अधिकांश विदेशी राजनयिकों और आर्थिक विशेषज्ञों की सोच है कि व्यापार सुगमता समझौता (टीएफए) पर तब तक हस्ताक्षर न करने की बात कहकर, जब तक कि खाद्य सुरक्षा के संदर्भ में एक अरब भारतीयों की चिंता दूर नहीं कर दी जाती, भाजपा ने अपने पांव पर कुल्हाड़ी मारने का काम किया है। अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी की भारत यात्रा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का दिया बयान स्थितियां स्पष्ट...
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