-जनचौक, पिछले तीन माह में यह स्पष्ट हो गया है कि कोरोना वायरस महामारी को रोकने में सरकार लगभग हर मोर्चे पर असफल रही है। न केवल सरकार कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ते फैलाव को रोकने में असमर्थ रही है बल्कि उसके ही कारण देश के अधिकाँश लोगों को संभवतः सबसे बड़ी अमानवीय त्रासदी झेलनी पड़ी है। सरकार की असंवेदनशील, अल्प-कालिक और संकीर्ण सोच के कारण करोड़ों लोगों के...
More »SEARCH RESULT
नागरिक को अर्द्ध नागरिक में बदलता समय
-लोकवाणी, लॉकडाऊन के सवा दो माह गुजरने के बाद जब कोई सवाल ये पूछे तो कि देश ने क्या खोया-क्या पाया तो एक खस्ताहाल आम नागरिक का और क्या जवाब होगा भला सिवाय मी’र के इस शे’र के कि ‘उलटी हो गई सब तदबीरें कुछ ना दवा ने काम किया—देखा इस बीमारी-ए-दिल ने आखिर काम तमाम किया’ ? लॉकडाऊन के बीते दिनों के बारे में बस इतना भर कहा जा सकता...
More »क्या धरती पर जीवन के अंत का छठा दौर शुरू हो गया है?
-सत्याग्रह, लगभग साढ़े चार अरब साल पुरानी हमारी धरती ने पिछले 54 करोड़ सालों के दौरान सामूहिक विलुप्ति के पांच दौर देखे हैं. वैज्ञानिक कहते हैं कि ऐसे हर दौर में पृथ्वी से 50 फीसदी से ज्यादा प्रजातियों का सफाया हो गया. इस तरह की पांचवीं घटना करीब साढ़े छह करोड़ साल पहले तब हुई थी जब दूसरे कई जीवों के साथ डायनासोर भी गायब हो गए थे. वैज्ञानिकों का एक...
More »'सरकार नाकाम साबित हुई, मेरे पिता नहीं बचे'
-गांव कनेक्शन, सुबह आठ बजकर पांच मिनट पर अमरप्रीत के ट्विटर हैंडल से एक ट़्वीट होता है, "मेरे पिता को बहुत बुखार है। उन्हें जल्द से जल्द अस्पताल में भर्ती कराना होगा। मैं उन्हें लेकर लोक नायक जय प्रकाश नारायाण अस्पताल के बाहर खड़ी हूं, लेकिन डॉक्टर उन्हें भर्ती नहीं कर रहे हैं। उन्हें कोरोना है। तेज बुखार है, वे सांस नहीं ले पा रहे हैं। बिना मदद के जिंदा नहीं...
More »पर्यावरण की दशा-दिशा 2020: भारत में विस्थापन बढ़ाते चक्रवात
-डाउन टू अर्थ, डाउन टू अर्थ द्वारा प्रकाशित “स्टेट ऑफ एनवायरमेंट इन फिगर्स 2020” रिपोर्ट 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर जारी होने वाली है। यह रिपोर्ट आंकड़ों के माध्यम से पर्यावरण और हमारे अस्तित्व से जुड़ी समस्याओं और उनकी गंभीरता का एहसास कराएगी। यह रिपोर्ट पर्यावरण से हमारे संबंधों पर भी रोशनी डालेगी। अक्सर कहा जाता है कि समस्या का माप जरूरी है, तभी उसका समाधान किया...
More »