नई दिल्ली। बढ़ती महंगाई के बीच कई आवश्यक वस्तुओं का आयात बढ़ाना पड़ा। इसकी वजह से बीते वित्त वर्ष 2009-10 में संवेदनशील वस्तुओं का आयात 40.5 फीसदी बढ़कर 65 हजार 564 करोड़ रुपये हो गया। वित्त वर्ष 2008-09 में संवेदनशील वस्तुओं का आयात 46 हजार 667 करोड़ रुपये रहा था। डेयरी उत्पाद, दूध, खाद्यान्न, खाद्य तेल, काफी, चाय और दाल जैसी वस्तुओं को संवेदनशील की श्रेणी में रखा जाता...
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मुद्रास्फीति दर बढ़कर 10.16 फीसदी हुई
नई दिल्ली। खाद्य पदार्थो की महंगाई का असर अब विनिर्मित उत्पादों में भी दिखने लगा है। खाद्यान्नों और कुछ विनिर्मित उत्पादों के दाम बढ़ने से सकल उपभोक्ता वस्तुओं के थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति मई में दहाई अंक के आंकडे़ पर छलांग लगाती हुई 10.16 प्रतिशत हो गई। इससे पहले अप्रैल में मुद्रास्फीति 9.59 प्रतिशत थी। मई के आंकडे़ आने के साथ ही मार्च के मुद्रास्फीति के आंकड़ों को...
More »चिदंबरम ने कहा, गरीबों का खास ख्याल रखा जाए
रांची [जागरण ब्यूरो]। केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदंबरम ने कहा है कि केंद्र सरकार झारखंड में उग्रवाद पर नियंत्रण व विकास के लिए हर संभव मदद को तैयार है। राज्य प्रशासन इस दिशा में प्रतिबद्ध होकर कार्य करे। चिदंबरम राजभवन में राज्य के आलाधिकारियों के साथ विकास योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अधिकारी हर हाल में वर्ष 2010-11 के लिए विभागीय कार्यो की प्राथमिकता 30...
More »आगे बढ़ रहा है मानसून
नई दिल्ली। दक्षिण पश्चिमी मानसून गुरुवार को दक्षिणी कोंकण, गोवा और कर्नाटक के अधिकतर भागों की ओर बढ़ गया है, जिससे अगले हफ्ते की शुरुआत में इसके और मजबूत होने की संभावना है। मौसम विभाग के अनुसार पश्चिमी तट के अधिकतर भागों और दक्षिणी प्रायद्वीप के अंदरूनी भागों में बुधवार से अच्छी बारिश हो रही है और अगले दो दिन तक इसके जारी रहने का अनुमान है। अनुमान है कि...
More »बढ़ती गरीबी का सबब-- देविंदर शर्मा
अर्थव्यवस्था के विकास में कुछ भयावह गड़बड़ी है. भारत आर्थिक उदारीकरण के 18 साल बाद बेहतर स्थिति में नजर आ रहा है, लेकिन ऊंचे विकास के बल पर गरीबी हटाने और भुखमरी मिटाने के वायदे पूरे नहीं हो पाए हैं. वास्तव में, गरीबी और विषमता घटने के बजाय और बढ़ गई है. आर्थिक विकास जितना बढ़ रहा है उतनी ही गरीबी भी बढ़ रही है. गरीब प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के...
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