जब कभी दुनिया की गरीबी पर कोई रिपोर्ट जारी होती है, तो उसमें दक्षिण एशिया- उसमें भी खासकर भारत सबसे बदहाल दिखता है। हमारे यहां न सिर्फ सबसे ज्यादा संख्या में कम वजन (अंडरवेट) के बच्चे हैं, बल्कि प्रसूति के दौरान माताओं की मृत्यु की दर भी बेहद ऊंची है। भारत में ही सबसे ज्यादा ऐसे बच्चे हैं, जो स्कूल नहीं जाते और विश्व कुपोषण सारणी में भी भारत का...
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विस्थापन
खास बातें- दुनिया में सबसे ज्यादा बड़े बांध बनाने वाले देशों में भारत तीसरे नंबर पर है। यहां अभी 3600 से ज्यादा बड़े बांधे हैं, जबकि 700 से ज्यादा अभी बनने की प्रक्रिया में हैं। भारत में बांधों की वजह से हुए विस्थापन के बारे में अलग अलग-अलग अनुमान हैं। दास और राव (1989) ने दावा किया कि भारत में बांध परियोजनाओं की वजह से दो करोड़ दस लाख लोग विस्थापित हुए। बड़े...
More »छोटा से राज्य में बड़े-बड़े घोटाले: कौल
सुंदरनगर/मंडी . छोटे से पहाड़ी राज्य में प्रेमकुमार धूमल की सरकार बड़े-बड़े घोटाले कर प्रदेश में नया इतिहास रच रही है। वह घोटाला चाहे हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड का हो अथवा भू-माफिया को प्रदेश की भूमि बेचने का। यह बात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर ने नौलखा में अपने जन्मदिवस के उपलक्ष्य पर शिकारी माता मंदिर में कन्या पूजन के बाद पत्रकार वार्ता में कही। उन्होंने कहा कि शिक्षा बोर्ड में...
More »मानव विकास में भारत की स्थिति सुधरी
नयी दिल्ली। स्वास्थ्य शिक्षा और आय पर आधारित मानव विकास सूचकांक में भारत की स्थिति सुधरी है और 169 देशों की सूची वह एक पायदान चढकर 119 वे स्थान पर पहुंच गया है। हालांकि लिंग भेद, असमानता और स्वास्थ्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में वह पाकिस्तान, नेपाल, बंगलादेश और श्रीलंका से पिछड गया है। संयुक्त राष्ट्र डेवलमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी) द्वारा वर्ष 2010 के मानव विकास रिपोर्ट में जारी इस सूचकांक में...
More »आत्मसम्मान का मजबूत होता जज्बा-- योगेन्द्र यादव
-सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन द्वारा देश की राजधानी में आयोजित सम्मेलन अपने आप में एक ऐतिहासिक घड़ी थी. -सदियों से मैला उठाने वाला समाज अब टोकरी नहीं आवाज उठाना चाहता है, हाथ में झाड़ू नहीं किताब लेना चाहता है. -सरकार के झूठे वादों पर उम्मीद बांधने की बजाय अब इस समाज ने खुद मैलाप्रथा को खत्म करने की ठान ली है. आज भी कई लाख लोग अपने सर पर मैला उठाने को अभिशप्त हैं....
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