चुनाव के दौरान धन-बल के दुरुपयोग के तमाम आरोपों के बाद निजी थिंक टैंक सेंटर फॉर मीडिया स्टडीज़ (सीएमएस) ने चुनावी खर्चे को लेकर एक रिपोर्ट जारी की है, जिसमें यह बताया गया कि 2019 के लोकसभा चुनाव दुनिया में अब तक कहीं भी हुए चुनावों में सबसे महंगे चुनाव रहे. सोमवार को जारी इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बीते लोकसभा चुनाव में 55,000 से 60,000 हज़ार...
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केंद्रीय सूचना आयोग ने रिज़र्व बैंक से बड़े क़र्ज़ डिफाल्टरों के नाम का खुलासा करने को कहा
नई दिल्ली: केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) ने भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज लौटाने में असफल बड़े कर्जदारों के नाम का खुलासा करने को कहा है. सीआईसी ने केंद्रीय बैंक को निर्देश दिया है कि उन कर्जदारों के नामों का वह खुलासा करे जिनके फंसे कर्ज खातों को उसने बैंकों के पास समाधान के लिए भेजा है. लखनऊ की सामाजिक कार्यकर्ता नूतन ठाकुर की अपील पर सीआईसी ने यह निर्देश दिया है....
More »मीडिया के लिए आत्मचिंतन का समय- अनूप भटनागर
17वीं लोकसभा चुनाव की प्रक्रिया संपन्न हो गयी है लेकिन सात चरणों के इस चुनाव के दौरान राजनीतिक दलों के बयानवीर नेताओं और मीडिया की भूमिका सुर्खियों में रही। नतीजा यह हुआ कि न्यायपालिका ने राजनीतिक दलों के नेताओं को कटुता पैदा करने वाले भाषणों के लिये आड़े हाथ लेने के साथ ही इस तरह के भाषणों और बयानों को प्रमुखता देने की मीडिया की भूमिका पर भी नाराजगी व्यक्त...
More »विपक्ष के इस हश्र में कुछ नया नहीं- हरजिंदर
अगर आम चुनाव में नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी की जीत दुनिया की सबसे बड़ी जीत है, तो विपक्षी दलों की हार को क्यों न दुनिया की सबसे बड़ी हार मान लिया जाए? यह तय है कि विपक्षी दल इस तरह के तर्क को स्वीकार नहीं करेंगे, लेकिन बहुत से लोग ऐसा मान चुके हैं और शायद इसीलिए विपक्ष को मिलने वाली लानतों का ढेर लगातार ऊंचा होता जा रहा...
More »मुद्दों से ज्यादा प्रचार पर भरोसा-- संजय कुमार
चुनाव अभियानों का रूप-रंग हाल के वर्षों में काफी बदल चुका है। हालांकि किसी प्रत्याशी को अब अपने प्रचार के लिए निर्वाचन आयोग दो सप्ताह का ही वक्त देता है, जबकि पहले 21 दिन का समय मिलता था, लेकिन व्यावहारिक तौर पर अब चुनाव अभियान अतीत की तुलना में कहीं अधिक व्यापक हो गया है। मौजूदा लोकसभा चुनाव के लिए भी आधिकारिक तौर पर चुनाव अभियान की शुरुआत पहले चरण...
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