संविधान का अनुच्छेद इक्कीस जीने का अधिकार ही नहीं देता, बल्कि सम्मान से पूर्ण स्वस्थता के साथ जीने का अधिकार देता है। पर हमारा यह अधिकार कितना सुरक्षित है? विश्व जनसंख्या में साढ़े सोलह प्रतिशत की भागीदारी निभाने वाले भारत की विश्व की बीमारियों में हिस्सेदारी बीस प्रतिशत है। भारत में सार्वजनिक स्वास्थ्य-व्यवस्था और स्वास्थ्य शिक्षा की आवश्यकता और प्रचलन की पहचान प्राचीन है। भारत में औपचारिक तौर पर स्वास्थ्य...
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गांवों में नर्सें पूरी करेंगी डाॅक्टरों की कमी- अदिति टंडन
एमबीबीएस डॉक्टरों की नियुक्ति ग्रामीण क्षेत्रों में अनिवार्य करने का मामला भले ही अटका हो, लेकिन सरकार ने गांवों में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी पूरी करने के लिए विशेषज्ञ नर्सों का नया कैडर बनाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय 2 नये स्पेशल कोर्स शुरू करने जा रहा है। इनसे न सिर्फ नयी और मौजूदा नर्सों को करियर में आगे बढ़ने का मौका मिलेगा, वहीं ग्रामीणों को...
More »आर्थिक विकास दर सुधरकर 7.6 फीसद होगी
नई दिल्ली। वैश्विक मंदी के थपेड़े और सूखे की मार से सहमी अर्थव्यवस्था उच्च वृद्धि दर की राह पर आने को संघर्ष कर रही है। मैन्युफैक्चरिंग में उछाल और कृषि क्षेत्र में सुधार के संकेत के साथ चालू वित्त वर्ष में अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है जो पिछले साल की 7.2 प्रतिशत से अधिक है। सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर का यह अनुमान...
More »'कार' बनाम 'बस' का सवाल - सुषमा रामचंद्रन
देश की राजधानी में हाल ही में हुए ऑटो एक्स्पो में जिस तरह से आकर्षक कारों के नए-नए मॉडल लॉन्च हुए, उन्हें देखकर किसी को भी यह गलतफहमी हो सकती थी कि भारत चौड़ी व चमचमाती सड़कों-राजमार्गों का देश है, जहां पर ट्रैफिक की कोई दिक्कत ही नहीं है और जहां गाड़ी चलाना एक सुखद संतोष का विषय है। जबकि हकीकत इससे ठीक उलट है। वास्तव में भारत में सड़कों के...
More »ताकि अकेला महसूस न करें हमारे बुजुर्ग
बुजुर्गों की जिंदगी आसान बनाता स्टार्टअप ‘सीनियरवर्ल्ड डॉट कॉम' हमारे देश में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या लगभग 12 करोड़ है़ यह संख्या यूके और कनाडा की संयुक्त आबादी से ज्यादा है़ यही नहीं, आंकड़े बताते हैं कि बुजुर्ग जनसंख्या की वृद्धि दर देश की जनसंख्या से दोगुनी है. इस आधार पर देश में बुजुर्गों की संख्या वर्ष 2026 तक 17 करोड़ हो जाने का अनुमान है़ फिर भी यह वर्ग उपेक्षित...
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