SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 553

किसानों की आत्महत्या में महाराष्ट्र की स्थिति बदतर

महाराष्‍ट्र में किसानों के आत्महत्या की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है। राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक साल 2011 में 3,337 किसानों ने आत्महत्या की है। यह पिछले साल 2010 की अपेक्षा और भी बदतर है, जहां पिछले साल 3,141 किसानों ने खुदकुशी की जो इस साल बढ़कर 3,337 जा पहुंची है। ताजा मामले में महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र में पिछले 72 घंटे के...

More »

समस्याएं कम नहीं हैं और उनसे हार मानने वाले भी। देश में दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और आत्महत्

समस्याएं कम नहीं हैं और उनसे हार मानने वाले भी। देश में दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों और आत्महत्याओं के 2011 के आंकड़ों की मानें, तो हर चार मिनट में एक व्यक्ति यहां अपनी जीवनलीला समाप्त कर लेता है और आत्महत्या करने वाले पांच लोगों में से एक गृहिणी होती है। सरकार द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार 2011 में इससे पिछले साल के मुकाबले 0.7 प्रतिशत की वृद्धि हुई। 2010 में...

More »

खुदकुशी को अपराध के दायरे से बाहर करने पर विचार

नई दिल्ली [जासं]। किसी परेशानी के चलते आत्महत्या का प्रयास करने वालों को जल्द ही कानूनी प्रक्रिया से राहत मिल सकती है। केंद्र सरकार आत्महत्या के प्रयास को अपराध की श्रेणी में लाने वाली भारतीय दंड संहिता [आइपीसी] की धारा 309 को हटाने पर विचार कर रही है। इस धारा के तहत किसी व्यक्ति को एक साल की साधारण कैद, जुर्माना या दोनों का प्रावधान है। मुख्य न्यायाधीश दीपक मिश्रा व...

More »

हजारों भागीरथ बनाए कलेक्टर उमराव ने- पवन देवलिया की रिपोर्ट

भोपाल (एमपी मिरर)। एक भागीरथ को भारतीय इतिहास में इसलिए जाना जाता है कि वे गंगा को इस धरती पर लाए थे। इस पुण्य कार्य को सफल बनाने के लिए भागीरथ ने अपना सारा जीवन खपा दिया था। इस पुण्य कार्य को करने के बाद उनके साथ दो चीजें हमेशा के लिए जुड़ गईं। एक तो गंगा को धरती पर लाने के बाद उनका नाम गंगाजी के साथ हमेशा के लिए जुड़ गया। इसके...

More »

आप कितने सही हैं, डॉ सिंह?- पी साईनाथ( अनुवाद-मनीष शांडिल्य)

प्रिय प्रधानमंत्री जी, मुझे यह जानकर खुशी हुई कि सुप्रीम कोर्ट को ‘‘सम्मानपूर्वक’’ फटकारते हुए आप ने कहा है कि अनाज, सड़ते हुए खाद्यान्न का निपटारा जैसे सभी सवाल नीतिगत मामले हैं. आप बिल्कुल सही कह रहे हैं और बहुत दिनों बाद ऐसा किसी ने कहा है. ऐसा कर आप संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सार्वजनिक बयानबाजी में ईमानदारी लाने की एक छोटी-सी कोशिश कर रहे हैं, जिसकी बहुत कमी महसूस की जा रही थी. बेशक यह...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close