वैज्ञानिकों में भ्रम है कि हम उन्नत तकनीक की बात कर रहे हैं, तो पूर्व की परिस्थिति में ही सिर्फ निचली व मध्यम भूमि की उपयोगिता से काम चल जायेगा. लेकिन नयी परिस्थितियों में ऊपरी भूमि का उपयोग बढ़ाना जरूरी है. वहां ऐसी फसलें लगाने की जरूरत है जो कम पानी में और जल्दी तैयार हो जायें. जैसे मकई, मडुवा व 100 दिनों में तैयार होने वाला धान. मध्यम व निचली...
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उच्च शिक्षा:चाहते हैं सो आप करे हैं- योगेन्द्र यादव
हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय के चार साल के स्नातक पाठय़क्रम को लेकर खूब हंगामा हुआ. सरकार से लेकर यूजीसी तक ने इस मामले में सियासत की. स्थिति यह हुई कि जो लोग पहले चार वर्षीय पाठय़क्रम के पक्ष में थे, वही इसके विरोध में राय देने लगे. खैर, पाठय़क्रम फिर तीन साल का हो गया, लेकिन असल सवाल अब भी जस का तस अपनी जगह मौजूद है. आज इस...
More »स्कूल में नहीं कोई टीचर, फिर भी रोज आते हैं 81 बच्चे
बलराम शर्मा, होशंगाबाद। स्कूल चलें हम अभियान के तहत शासन और प्रशासन बच्चों को स्कूल जाने के लिए तो प्रेरित कर रहा है, लेकिन स्कूलों में अभी तक शिक्षण की पर्याप्त व्यवस्था वह नहीं कर सका है। जिला मुख्यालय पर एक हाईस्कूल ऐसा भी है, जहां वर्तमान में एक भी शिक्षक पदस्थ नहीं हैं। बिना शिक्षकों के इस हाईस्कूल में एक-दो नहीं पूरे 81 बच्चे दर्ज हैं। पढ़ने के लिए...
More »छत पर लगा लिया 15 एकड़ के लिए धान का थरहा
पामगढ़ (जांजगीर चांपा, छत्तीसगढ़)। झूलन पचरी का एक प्रगतिशील किसान जमीन छोड़कर घर की छत पर 15 एकड़ खेत के लिए धान का थरहा लगाया है। खेत में जानवरों के चराई से तंग आकर उसने यह तरीका निकाला है। झूलन पचरी निवासी किसान बलेसर डहरिया मजदूर की समस्या के चलते कृषि विभाग के मार्गदर्शन में वर्ष 2011 पेडी ट्रांसप्लांटर (धान रोपाई) अनुदान में प्राप्त कर 50 एकड़ स्वयं का तथा...
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पामगढ़ (जांजगीर चांपा, छत्तीसगढ़)। झूलन पचरी का एक प्रगतिशील किसान जमीन छोड़कर घर की छत पर 15 एकड़ खेत के लिए धान का थरहा लगाया है। खेत में जानवरों के चराई से तंग आकर उसने यह तरीका निकाला है। झूलन पचरी निवासी किसान बलेसर डहरिया मजदूर की समस्या के चलते कृषि विभाग के मार्गदर्शन में वर्ष 2011 पेडी ट्रांसप्लांटर (धान रोपाई) अनुदान में प्राप्त कर 50 एकड़ स्वयं का तथा...
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