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बिहार का एक बैंक जहां कर्ज में मिलता है अनाज- सीटू तिवारी

बिहार की राजधानी पटना से सटे सुंदरपुर की गहनी मांझी को अब पेट भर भात खाने को मिल जाता है। जवानी की न जाने कितनी रातें खाली पेट गुजारने के बाद बुढ़ापे में उन्हें पेट भर खाना नसीब हो रहा है। गहनी का भाग्य अनाज बैंक की वजह से ही जागा है। अनाज बैंक यानी वह बैंक जहां अनाज का लेन देन होता है। इस बैंक से अनाज उधार लिया जा...

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साक्षर भारत कार्यक्रम अब सिर्फ अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं- मदन जैड़ा

स्कूल नहीं जा पाने वाले किशोरों और पढ़ाई की उम्र पार कर चुके अन्य लोगों को साक्षर बनाने के लिए शुरू किए गए साक्षर भारत कार्यक्रम का रूप बदल गया है। अब यह सिर्फ अक्षर ज्ञान तक सीमित नहीं है, बल्कि एक व्यापक शिक्षा कार्यक्रम में तब्दील हो चुका है। इस कार्यक्रम में चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी साक्षरता, विधिक साक्षरता, डिजिटल साक्षरता के बाद अब वित्तीय साक्षरता का विषय भी...

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चीन से आगे जाने का मतलब- मधुरेन्द्र सिन्हा

बीती सदी के नब्बे के दशक में जब जर्जर भारतीय अर्थव्यवस्था को तत्कालीन प्रधानमंत्री पी.वी. नरसिंहराव के वित्त मंत्री ने अमरबूटी पिलाई थी, तो किसी को एहसास भी नहीं था कि यह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में शुमार हो जाएगी। विदेशों में बने टीवी, फ्रिज को देखकर ललचाते हुए मध्यवर्ग ने सोचा भी नहीं था कि भारत ऐसे सामान के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक बन जाएगा। यह...

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जन-धन योजना के आधे से अधिक खातों में नहीं हो रहा कोई लेन-देन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी जनधन योजना के तहत अब तक खुले करीब 16 करोड़ खातों में से आधे से भी ज्यादा खाते निष्क्रिय पड़े हैं। जनधन योजना के तहत ज्यादातर खाते सरकारी बैंकों में खुलवाए गए हैं। इन बैंकों के लिए जीरो बैलेंस वाले इन खातों के रखरखाव का खर्च निकालना भी मुश्किल हो रहा है। जनधन योजना के तहत बैंकिंग सेवा से वंचित देश के साढ़े सात...

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एक इम्तिहान है मैगी का मामला - जगमोहन सिंह राजपूत

दो मिनट में बनकर तैयार हो जाने वाली मैगी ने सारे भारत को हिला दिया है। इसे यूं भी कहा जा सकता है कि इस बार तो स्वाद पूरी तरह बेमजा हो गया। नेस्ले के नूडल्स घर-घर ही नहीं, अब तो गांवों तक अपनी पहुंच बना चुके थे। वे लोग जो चाहते हैं कि सारी दुनिया में एक भाषा, एक पहनावा, एक खाना ही चले, मैगी जैसे प्रचलन को अपनी...

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