अपने पूरे कैरिअर में माप के मसले उनकी चिंताओं के केंद्र में रहे हैं। उनके अनुसार आंकड़ों को बिना सवाल किए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता। उदाहरण के लिए इस सदी के शुरूआती वर्षों में उन्होंने भारत में मूल्य सूचकांक की गणना की समस्याएं रेखांकित करते हुए यह दिखाया था कि वह कैसे गरीबी संबंधी अनुमानों को प्रभावित करती है। भारत के संबंध में उनका एक और काम गौर फरमाने...
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औद्योगिक इकाइयों और टेनरियों को एनजीटी की चेतावनी
राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण ने उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश सरकार को गंगा को प्रदूषित करने वाली औद्योगिक इकाइयों व टेनरियों को उचित स्थानों पर स्थानांतरित करने का निर्देश दिया। न्यायाधिकरण ने दोनों राज्यों की सरकारों को चेतावनी देते हुए कहा है कि ऐसा नहीं होने पर वह इन्हें बंद करने का आदेश जारी करेगा। जस्टिस स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली पीठ ने यूपी सरकार से पूछा कि कानपुर की टेनरियों और अन्य...
More »गांधी की अहिंसा का मर्म-- जैनेन्द्र कुमार
एक संपादक भाई अहिंसा के कायल थे। पर गांधीजी के यहां उन्होंने देखा कि भजन गाया जा रहा है- सुनेरी मैंने निर्बल के बल राम/ जब लगि गज बल अपनों बरत्यो/ नेक सरयो नहि काम/ निर्बल ह्वै बल राम पुकारयो/ तजि आए निज धाम/... द्रुपद-सुता निर्बल भई जा बिन/ नहि आयो कोई काम / आधे नाम कहत ही भैया/ बसन रूप भए श्याम/... अपबल, तपबल और बाहुबल/ चौथो बल...
More »लोकतंत्र को दबोचता बर्बर भीड़तंत्र-- उर्मिलेश
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से महज 35 किमी की दूरी पर ग्रेटर नोएडा के एक गांव बिसायरा में सोमवार की रात कुछ लोगों ने संगठित ढंग से 50 वर्षीय अखलाक अहमद के घर पर हमला कर उसको मार डाला. अखलाक का 22 वर्षीय बेटा भी अस्पताल में जीवन-मृत्यु के बीच झूल रहा है. एकाएक हुए इस हमले, तोड़फोड़, लूटमार और हत्या की वजह क्या थी? एक अफवाह कि अखलाक गोमांस खाता...
More »तरक्की तो अपने दम पर ही होगी- यशवंत सिन्हा
स्वतंत्र भारत के इतिहास में एक समय ऐसा भी था, जब सोवियत संघ के साथ भारत की प्रगाढ़ मैत्री तथा देश में वामपंथियों के बोलबाले के चलते सोवियत संघ के खिलाफ सार्वजनिक रूप से कुछ भी कहना घोर अपराध माना जाता था। मैं संसद में 1988 में आया और मुझे आश्चर्य हुआ जब संसद में भी सोवियत संघ के खिलाफ बोलने पर वामपंथी सदस्यों तथा अन्य दलों के उनके समान...
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