वर्ष 1958 से 31 जुलाई हमारे देश में 'अखिल भारतीय सफाई मजदूर दिवस' के रूप में मनाया जाता है। समाज के दूसरे हिस्से इन कार्यक्रमों से बहुत दूर और पूरी तरह अनभिज्ञ रहते हैं। 22 जुलाई, 1957 को दिल्ली के सफाई कर्मचारियों ने अपना मांग पत्र दिल्ली की नगरमहापालिका के सामने पेश किया था। उसके साथ एक हफ्ते बाद शुरू होने वाली हड़ताल का नोटिस भी संलग्न था। चूंकि मामला...
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शिक्षा को 'व्यापार' बनाने के खतरे - हरि जयसिंह
कहा जाता है कि विकास केवल स्वतंत्र और पारदर्शी माहौल में ही संभव है। शैक्षिक और अकादमिक जगत के लिए भी यह सच है। शैक्षिक जगत में स्वतंत्रता और पारदर्शिता को केवल तभी कायम रखा जा सकता है, जब महत्वपूर्ण पदों पर चयन और नियुक्तियों में केवल और केवल योग्यता का खयाल रखा जाए और किसी तरह का कोई पक्षपात न किया जाए। वास्तव में गुणवत्ता के मानदंड शैक्षिक प्रक्रिया...
More »फांसी के खिलाफ नागपुर जेल में 50 नक्सली अनशन पर
विनय दलवी (मिड-डे), नागपुर। केंद्रीय कारागार नागपुर में बंद करीब 50 नक्सली याकूब मेमन की फांसी के विरोध में भूख हड़ताल पर चले गए हैं। जबकि जेल अधिकारी याकूब को फांसी देने की तैयारी में व्यस्त हैं। नागपुर जेल में आजादी के बाद फांसी देने का यह 24वां मामला होगा। जेल अधिकारियों ने पीडब्ल्यूडी से एक शेड और फांसी देने के लिए एक प्लेटफार्म बनाने को कहा है। एक अधिकारी ने...
More »औरतों की दुनिया का सच- क्षमा शर्मा
दुनिया भर में महिलाओं की सुरक्षा के लिए दो अभियान चलाए जा रहे हैं। एक तो है घंटी बजाओ, जिसका अर्थ है कि जिस भी घर से औरतों के रोने, चिल्लाने, पिटने की आवाज आ रही है, उनसे बचकर न निकलें। जाकर फौरन दरवाजे की कॉलबेल या घंटी बजाएं। और ऐसी हिंसा को रोकने के लिए कारगर कदम उठाएं। दूसरा अभियान है, औरतों के प्रति होते अपराध यथा छेड़खानी, पीछा...
More »बाज आएं जातिवाद की सियासत से- संजय गुप्त
जातिगत जनगणना के आंकड़ों की आड़ में हो रही राजनीति के बीच केंद्रीय वित्तमंत्री ने यह स्पष्ट करके अच्छा किया कि राज्यों को ये आंकड़े पहले ही भेजे जा चुके हैं और वे जातियों-उपजातियों, गोत्रों आदि के असमंजस को दूर कर दें तो फिर तर्कसंगत वर्गीकरण का काम शुरू हो। यह काम 'नीति आयोग" की एक समिति करेगी और फिर जातिवार आंकड़ों को देश के सामने लाया जाएगा। 2011 की जनगणना...
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