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चीनी की कम होती मिठास - के सी त्यागी

जनसत्ता 14 अक्तूबर, 2014: महाराष्ट्र की चुनावी सभाओं में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की आत्महत्याओं का जिक्र करते हुए उनकी समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया है। उन्होंने अपनी चुनावी रैलियों में स्वीकार किया कि प्रतिवर्ष लगभग सैंतीस सौ किसान आत्महत्या कर रहे हैं, मगर दूसरी तरफ उन्होंने राज्य सरकारों द्वारा दिया जाने वाला (समर्थन मूल्य के अतिरिक्त) बोनस रोकने का फैसला किया है। केंद्रीय खाद्यमंत्री रामविलास पासवान ने...

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सामाजिक न्याय का तंग दायरा- जितेंद्र कुमार

जनसत्ता 29 सितंबर, 2014: अगस्त 1990 में मंडल आयोग की सिफारिशें लागू करके तब के प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह ने जिस सामाजिक न्याय का ताना-बाना बुना था, उसके बिखरने में बस चंद वर्ष लगे थे। सबसे पहले उत्तर प्रदेश में मुलायम सिंह जनता दल को तोड़ कर अलग हो गए और मंडल के सबसे अधिक प्रभाव वाले क्षेत्र बिहार में उसके दो प्रतापी नेताओं लालू प्रसाद यादव और नीतीश कुमार...

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देश में 21 फीसदी बढ़ सकता है बासमती चावल का उत्पादन

इस खरीफ सीजन में बासमती चावल का उत्पादन 21 फीसदी बढ़ सकता है। अखिल भारतीय चावल निर्यातक संघ के मुताबिक चालू सीजन में बासमती चावल का उत्पादन बढ़कर 80 लाख टन पहुंच सकता है। पिछले खरीफ सीजन में 66 लाख टन उत्पादन हुआ था। संघ के अनुमान के अनुसार अनियमित बारिश की वजह से देश के किसानों ने गैर बासमती की जगह बासमती की बुआई की है। दरअसल बासमती की...

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यूपी में 44 जिले सूखाग्रस्त घोषित, केंद्र सरकार से मांगा विशेष पैकेज

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 44 जिलों को सूखाग्रस्त घोषित करने का निर्णय लिया है. इन जिलों में वर्तमान मानूसन के दौरान सामान्य वर्षा के सापेक्ष मात्र 50 फीसदी से कम बारिश हुई है. सूखाग्रस्त घोषित जिलो में प्रभावित किसानों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से यह फैसला भी लिया कि 31 मार्च 2015 तक इनके अवशेष मुख्य राजस्व देयों (भू-राजस्व एवं सिचाई) की वसूली स्थगित रहेगी. इस...

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‘हिंदी प्रदेश’ की पहचान के मायने- शैबाल गुप्ता

शैबाल गुप्ता जाने-माने अर्थशास्त्री और एशियन डेवलपमेंट रिसर्च इंस्टीट्यूट (आद्री) के सदस्य सचिव हैं. पिछले दिनों इलाहाबाद स्थित गोविंद बल्लभ पंत सोशल साइंस इंस्टीट्यूट ने उन्हें 29वें ‘गोविंद बल्लभ पंत मेमोरियल लेक्चर' में व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया था. इस अवसर पर बोलने के लिए उन्होंने जो विषय चुना, उसका शीर्षक था- ‘आइडिया ऑफ द हिंदी हार्टलैंड'. हिंदी में इसे ‘हिंदी प्रदेश की धारणा' कहा जा सकता है. इस...

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