दुनिया भर में डॉक्टरों को भगवान का पर्याय माना जाता है। लेकिन पैसों की भूख और लापरवाही के कारण उनमें संवदेनशीलता शून्य होती जा रही है। पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के झांसी में एक ऐसा ही दिल दहला देने वाला मामला सामने आया, जहां महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने इलाज के लिए आए एक व्यक्ति के सिर के नीचे उसी का कटा हुआ पैर रख तकिया बना दिया।...
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2016 में लंबित थे बच्चों के यौन उत्पीड़न के एक लाख से ज्यादा मामले
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में जानकारी दी गई है कि 2016 में देशभर में बच्चों के यौन उत्पीड़न के एक लाख से ज्यादा मामले दर्ज थे, लेकिन निचली अदालतों में सिर्फ 229 मामलों का निपटारा किया गया। इन आंकड़ों को हाल ही में प्रधान न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्रा, जस्टिस एएम खानविल्कर और जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की पीठ के समक्ष पेश किया गया। पीठ ने देशभर के हाई कोर्टों के रजिस्ट्रार...
More »जनसंख्या नीति को नई राह जाना होगा-- नवीन चंद्र लोहनी
सर्वोच्च न्यायालय में एक दंपति के अधिकतम दो संतान पैदा करने से जुड़ी जनहित याचिका हो या फिर देश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर निकल रही रैलियां, इन सबका एक मतलब तो यह निकलता ही है कि जनसंख्या नीति पर तुरंत कठोर निर्णय लेने का समय आ गया है। भारत में युवा शक्ति, युवा मस्तिष्क और युवा देश होने की बात जब नारों और जयकारों के बीच आती है, तो...
More »रेटिंग एजेंसियों का कारोबार-- वरुण गांधी
किसी व्यक्ति, संस्था या देशों की रेटिंग प्राचीन काल से होती आयी है. इतिहासकार हेरोडोटस ने साइरेन के विद्वान कल्लीमकस के साथ मिलकर सात अजूबों की असल सूची बनायी थी, जिसमें अलंकृत भाषा में इनकी खूबियों के बारे में बताया गया था. आधुनिक समय की क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों की उत्पत्ति तो हाल की घटना है- 1837 के वित्तीय संकट के बाद एक विडंबना के साथ इनकी शुरुआत हुई. ऐसी...
More »आधी आबादी का संघर्ष-- डा. अनुज लुगुन
तारीखें कैलेंडर में टंगी चुप्पी साधी चीज नहीं होती हैं, यह तो इतिहास के सबल साजो-सामान और विचार को हमारी आंखों के आगे चस्पा कर उस भार का एहसास दिलाती रहती हैं, जो पूर्वजों के कंधों से होकर हमारे वर्तमान में प्रवेश कर जाती हैं. फर्क इस बात का पड़ता है कि हम यूं ही कैलेंडर के पन्ने पलट देते हैं या उसे पढ़ पाते हैं. ऐसे ही 08 मार्च,...
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