हम सभी का सामना किसी ऐसे ‘अंकल’ से हुआ होगा, जो समय-समय पर हमें याद दिलाते रहते हैं कि इस देश का भगवान ही मालिक है। उनकी हर बात का लब्बोलुआब यह रहता है कि भारत एक भ्रष्ट और नाकारा देश है, जहां जिंदगी गुजारना मुश्किल है। वे हमें बताते हैं कि आरटीओ से लेकर राशन की दुकान और नगर पालिका तक हर सरकारी अधिकारी घूस खाता है। वे हमें यह भी...
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टीम अन्ना का आह्वान, एक हफ्ता देश के नाम
नई दिल्ली। जन लोकपाल के समर्थन में 16 अगस्त से अनशन पर बैठने जा रहे गाधीवादी अन्ना हजारे के सहयोगियों ने अपने समर्थन में देशवासियों को एकजुट करने के लिए धरना प्रदर्शन के साथ साथ साइबर जगत में अपनी मुहिम तेज कर दी है। टीम अन्ना के सदस्य शिवेंद्र सिंह चौहान ने सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर 'एक हफ्ता देश के नाम' नामक पेज बनाया है। चौहान ने बताया कि ट्यूनीशिया,...
More »हद से बाहर-सुधांशु रंजन
उच्चतम न्यायालय के हाल के कुछ निर्णयों को लेकर राष्ट्रीय बहस शुरू हो गई है कि अदालतों को नीतिगत मामलों पर फैसला करने का हक है या नहीं। कई राजनीतिक दल न्यायपालिका की सीमा तय करने के लिए संसद में बहस कराना चाहते हैं। इस मुद्दे पर 14वीं लोकसभा में भी बहस हो चुकी है और उसमें संसद को सर्वोपरि माना गया था। परंतु न्यायालय को समीक्षा का अधिकार है,...
More »सी.ए.ज़ी. की रिपोर्ट और नीतीशजी की चिंता
बिहार के वित्तीय हालात को दर्शाने वाली रिपोर्ट में - नियंत्रक और महालेखा परीक्षक यानि सी.ए.जी.- ने राज्य सरकार को आर्थिक लेखा- जोखा रखने के तौर तरीकों पर एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। एसी- डीसी बिल का जिन्न अब भी सरकार के गले की हड्डी बनी दिखाई देती है। कॉम्पट्रोलर ऐन्ड एकाउन्टेन्ट जनरल यानि सी.ए.जी. मार्च, 2010 तक खत्म होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए जो लेखा- जोखा...
More »सरकार बनाम सिविल सोसायटी- कुलदीप नैयर
भारत में सिविल सोसाइटी सरकार को एक गतिशील जन लोकपाल विधेयक को स्वीकार कराने में सफल नहीं हो सकी। फिर भी इस गतिविधि के मुख्य केंद्र गांधीवादी अन्ना हजारे ने आंदोलन तथा अनशन की जो चेतावनी दी है, उसने सरकार के मन में परमात्मा का भय तो बैठा ही दिया। उसने अपने परिवेश की स्वच्छता की दिशा में शुरुआत कर दी है। दो दूरसंचार मंत्रिमंडल से त्यागपत्र देने को बाध्य किए...
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