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एक हजार अतिरिक्त मॉडल स्कूलों को मंजूरी

नई दिल्ली। देश के शैक्षणिक रूप से पिछड़े क्षेत्रों में एक हजार अतरिक्त माडल स्कूल स्थापित किए जाएंगे, जो बेहतर शिक्षा प्रदान करने का काम करेंगे। एक आधिकारिक बयान में कहा गया आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडल समिति ने शुक्रवार को सरकारी क्षेत्र में एक हजार अतिरिक्त माडल स्कूलों की स्थापना को मंजूरी दे दी। इसके साथ ही सरकारी क्षेत्र में स्थापित होने वाले माडल स्कूलों की संख्या 3500 हो जाएगी। इसके अतिरिक्त 2500 अन्य...

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देश में खुलेंगे 107 नए केंद्रीय विद्यालय

नई दिल्ली। केंद्रीय विद्यालयों की विस्तार योजना के तहत सरकार इस साल देश में 107 नए केंद्रीय विद्यालय खोलेगी। इनमें में सात बुंदेलखंड क्षेत्र में होंगे। वित्त मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाली व्यय एवं वित्त समिति [ईएफसी] ने नए स्कूल खोले जाने के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी है। केंद्रीय विद्यालय संगठन [केवीएस] शिक्षा के क्षेत्र में एक प्रमुख संस्थान है। केवीएस के अंतर्गत 981 स्कूल चलाए जा रहे...

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मैडम की सेवा से दरक रहे सपने

नवादा [वरुणेंद्र कुमार]। लड़कियां सहनशील होती हैं। हालात से जल्दी समझौता कर लेती हैं। दर्द होने पर भी मुंह से कभी उफ नहीं करतीं। इन्हीं परिस्थितियों में उनके सपने टूट कर बिखर जाते हैं। ऐसा ही कुछ देखने को मिला मेसकौर प्रखंड में संचालित कस्तूरबा विद्यालय में। खाने को अधजली रोटी, पीने को कुएं का पानी, नहाने की भी समस्या, सोने को फर्श, फिर भी सब ठीक। सोमवार को जब जागरण टीम कस्तूरबा आवासीय विद्यालय...

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शिक्षा हर बच्चे का मौलिक अधिकार: मनमोहन

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गुरुवार को कहा कि शिक्षा हर बच्चे का मौलिक अधिकार है। उन्होंने शिक्षा के अधिकार कानून के गुरुवार से लागू होने के अवसर पर राष्ट्र को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि बिना किसी भेदभाव के सभी बच्चों की शिक्षा तक पहुंच हो। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे शिक्षा के जरिए देश को मजबूत बनाएं। प्रधानमंत्री ने कहा...

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चौथी पास एक नन्ही टीचर

अकोढ़ीगोला [रोहतास, कमलेश कुमार]। रेल पटरी के पास पड़ी एक नवजात बच्ची। फुलवा की उस पर नजर पड़ी और घर ले आई। उसे जीने का मकसद और नवजात को नयी जिंदगी मिल गई। फुलवा ने उसका नाम 'भारत' की भारती रखा। उसका सपना कि वह पढ़ लिखकर टीचर बने और समाज को शिक्षित बनाए। फुलवा तो अब नहीं है, लेकिन उसकी बेटी अपने मां के मकसद को जरूर साकार कर रही है। वह टोले...

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