बलबीर सिंह, ग्वालियर। मध्यप्रदेश में युवाओं की बेरोजगारी से इस बार जजों का सिर चकरा रहा है। दरअसल, ग्वालियर जिला कोर्ट में चपरासी के महज 57 पदों के लिए आवेदन बुलाए गये थे, जिसमें 60 हजार आवेदन आए हैं। चौकानें वाली बात यह है कि पद का मानदेय सिर्फ साढ़े सात हजार रुपये है, लेकिन अधिकतर उम्मीदवार इंजीनियर, एमबीए और यहां तक कि पीएचडी डिग्रीधारी हैं। इन आवेदनों को देखकर...
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झारखंड : घट रही वनभूमि, रिपोर्ट में खुलासा
रांची : झारखंड में पहले के मुकाबले 81,094 हेक्टेयर वन भूमि कम हो गयी है. सरकार की रिपोर्ट के अनुसार, 2001-02 में झारखंड में 23.60 लाख हेक्टेयर वन भूमि थी. वहीं, फॉरेस्ट सर्वे ऑफ इंडिया की ओर से प्रकाशित रिपोर्ट में 2014-15 में राज्य में 22.79 लाख हेक्टेयर वनभूमि होने की बात कही गयी है. 431.31 एकड़ वन भूमि निजी व्यक्तियों के नाम कर दी : रिपोर्ट के अनुसार,...
More »आधार निराधार--- तवलीन सिंह
जब भी किसी मुद्दे को लेकर दिल्ली के राजनीतिक गलियारों में हल्ला मचने लगता है, तो मेरी आदत है किसी दूरदराज गांव में जाकर उसी मुद्दे पर आम, गरीब भारतवासियों से बातें करना। सो, पिछले हफ्ते जब आधार कार्ड को लेकर खूब हल्ला मचने लगा देश भर में निजता पर और पत्रकारों और टीवी एंकरों में भी खेमे बंट गए, मैं एक ऐसे गांव में जा पहुंची जहां कुछ भी...
More »सत्य, उत्तर-सत्य और पुन: सत्य--- पी. चिदंबरम
विलंब से शुरू हुआ संसद का सत्र जैसे ही समापन के करीब पहुंचा, वित्तमंत्री ने खुद को एक अजीब स्थिति में पाया। राज्यसभा ने 4 जनवरी, 2018 को अर्थव्यवस्था की हालत पर अल्पावधि चर्चा के लिए सूचीबद्ध किया था और अपेक्षा थी कि वित्तमंत्री चर्चा का जवाब देंगे। बजट से सत्ताईस दिन पहले यह विचित्र था कि वित्तमंत्री अर्थव्यवस्था की स्थिति पर विस्तार से बोलें या कोई आश्वासन दें। अर्थव्यवस्था...
More »मध्यप्रदेश में ग्रामीण महिलाओं के पास है ज्यादा प्रॉपर्टी
इंदौर। प्रॉपर्टी के मालिकाना हक के मामले में मध्यप्रदेश के गांवों की महिलाओं ने शहरी महिलाओं को पीछे छोड़ दिया है। जहां 44.7 फीसदी ग्रामीण महिलाओं के नाम मकान या जमीन है, वहीं शहरों में यह आंकड़ा महज 40.1 फीसदी है। हालांकि लगता है गांवों की महिलाओं को मोबाइल में ज्यादा रुचि नहीं। इसीलिए खुद का मोबाइल रखने वाली शहरी और ग्रामीण महिलाओं में बहुत बड़ा अंतर है। ये अहम जानकारी...
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