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भारत में सिर्फ नौनिहाल ही नहीं बुजुर्गों को भी प्रभावित कर रहा है कुपोषण

डाउन टू अर्थ, 25 अगस्त भारत में कुपोषण सिर्फ बच्चों को ही नहीं बुजुर्गों को भी प्रभावित कर रहा, जो उनके स्वास्थ्य के लिए गंभीर समस्या बन सकता है। इस बारे में इंटरनेशनल इंस्टिट्यूट फॉर पापुलेशन साइंसेज से जुड़े शोधकर्ताओं द्वारा किए नए अध्ययन से पता चला है कि 60 वर्ष से ज्यादा उम्र के करीब 28 फीसदी पुरुषों और 25 फीसदी महिलाओं का वजन सामान्य से कम है। वहीं इसी आयु...

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घरों से ज्यादा इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में हानिकारक केमिकल्स का सामना करते हैं अंतरिक्ष यात्री

डाउन टू अर्थ, 21 अगस्त वैज्ञानिकों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) में भी हानिकारक केमिकल के होने के सबूत मिले हैं। इस बारे में किए एक नए अध्ययन के मुताबिक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर लगे एयर फिल्टरों से इकट्ठा की धूल में हानिकारक केमिकल मिले हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इनकी मात्रा ज्यादातर अमेरिकी घरों की धूल में मौजूद हानिकारक केमिकल्स की मात्रा से भी ज्यादा है। शोधकर्ताओं इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के एयर...

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घरों से ज्यादा इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में हानिकारक केमिकल्स का सामना करते हैं अंतरिक्ष यात्री

डाउन टू अर्थ , 17 अगस्त वैज्ञानिकों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) में भी हानिकारक केमिकल के होने के सबूत मिले हैं। इस बारे में किए एक नए अध्ययन के मुताबिक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर लगे एयर फिल्टरों से इकट्ठा की धूल में हानिकारक केमिकल मिले हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इनकी मात्रा ज्यादातर अमेरिकी घरों की धूल में मौजूद हानिकारक केमिकल्स की मात्रा से भी ज्यादा है। शोधकर्ताओं इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के...

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फसल अवशेषों के अनुमान के साथ आसान हो सकेगा बायो ऊर्जा उत्पादन: रिपोर्ट

मोंगाबे हिंदी, 10 अगस्त हाल ही मे हुए एक अध्ययन में दावा किया गया है कि फसलों के अवशेषों से बायो ऊर्जा का उत्पादन करने की भारत की क्षमता पहले के अनुमान से कम है। यह सालाना 1313 पेटाजूल्स (PJ) (1 PJ = 277778 मेगावाट) बायोएनर्जी बनाने की क्षमता का सुझाव देता है, जो 1738 से 4150 PJ तक के पहले के अनुमान से कम है। हालांकि, अध्ययन जिले और अलग-अलग...

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आने वाले संकट की आहट सुनते अरुणाचल के पक्षी

पारी. 7 अगस्त  "मैंने अभी-अभी ओरिएंटल शामा की आवाज़ सुनी." मीका राई उत्साहित हैं. वह उसकी पुकार को चहचहाहट की मधुर शृंखला की तरह बताते हैं. हालांकि, उनके उत्साह में इस नन्हे काले, सफ़ेद और पीले पंखों वाले प्राणी को लेकर चिंता झलक रही है. अरुणाचल प्रदेश के ईगलनेस्ट वन्यजीव अभ्यारण्य में पिछले एक दशक से पक्षियों का अध्ययन कर रहे 30 वर्षीय फ़ील्ड स्टाफ़र मीका कहते हैं, "यह पक्षी अमूमन [900 मीटर]...

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