डाउन टू अर्थ, 29 मई इसी तरह से सोनीपत के कुराड़ गांव में रहने वाले 64 वर्षीय किसान सतपाल डाउन टू अर्थ से कहते हैं कि बीते वर्ष नैनो यूरिया का इस्तेमाल उन्होंने भी किया था। नवंबर, 2022 में गेहूं लगाया था जिसकी कटाई अप्रैल, 2023 में की। वह बताते हैं कि फसल में बुआई के करीब 20 से 25 दिन बाद नैनो यूरिया का स्प्रे भी कराया था लेकिन फसलों...
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पिछले साल गर्मी और अब भारी बारिश, गेहूं की फसल पर फिर मौसम की मार
मोंगाबे हिंदी, 25 मई इस साल मार्च में हुई भारी बारिश के चलते कई राज्यों में गेहूं की फसल को भारी नुकसान हुआ है। पिछले साल भीषण गर्मी के चलते गेहूं उत्पादन पर असर पड़ा था। इस वजह से केंद्र सरकार भी नुकसान की समीक्षा कर रही है। घरेलू आपूर्ति में कमी की चिंताओं को ध्यान में रखते हुए सरकार ने गेहूं का निर्यात फिर शुरू करने से इंकार कर दिया है।...
More »वैश्विक अर्थव्यवस्था को 248 लाख करोड़ का नुकसान पहुंचा सकता है 2023 में बनने वाला अल नीनो
डाउन तू अर्थ , 20 मई वैज्ञानिकों के मुताबिक 2023 में बनने वाली अल नीनो की घटना न केवल इस साल नुकसान पहुंचाएगी, बल्कि साथ ही इसका प्रभाव 2029 तक दर्ज किया जाएगा। रिसर्च से पता चला है कि इस अल नीनो के कारण वैश्विक अर्थव्यवस्था को 2029 तक 247.97 लाख करोड़ रुपए (तीन लाख करोड़ डॉलर) तक का नुकसान हो सकता है। इतना ही नहीं यदि वैश्विक उत्सर्जन परिदृश्य को देखें...
More »लंपी रोग फिर लौटा, चार राज्यों में फैला, बगैर वैक्सीनेशन के स्थिति बदतर होने की आशंका
रूरल वॉयस, 19 मई पिछले साल मई और जून में देश के दर्जन भर राज्यों में करीब एक लाख गौवंश की बलि लेने वाले लंपी स्किन रोग (एलएसडी) ने इस साल भी दस्तक दे दी है। आने वाले दिनों में इसके तेजी से फैलने की आशंका है क्योंकि यह रोग इसी समय फैलता है। इस समय लंपी रोग का सबसे अधिक असर उत्तराखंड में है। हरियाणा, पंजाब और उत्तर प्रदेश में...
More »भारतीय मॉनसून पर असर डालती उत्तरी ध्रुव की बदलती जलवायु
मोंगाबे हिंदी, 15 मई उत्तरी ध्रुव में पिछले एक हजार साल के ठंडे और गर्म मौसम के दौर को एक अध्ययन के जरिए फिर से बनाया या रीकंट्रस्ट किया गया है। इसमें पाया गया है कि इस दौरान भारत के मॉनसून में भी बदलाव देखा गया। भारत के नेशनल सेंटर फॉर पोलर एंड ओशन रिसर्च (NCPOR) के वैज्ञानिकों का कहना है कि गर्म उत्तरी ध्रुव की स्थिति भारतीय उपमहाद्वीप में बहुत ज़्यादा...
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