जॉर्ज मोनबाएट ने कहा है कि अगर धन कठिन परिश्रम और व्यवहार कुशलता का परिणाम होता तो अफ्रीका की प्रत्येक महिला लखपति होती. भारत की अर्थव्यवस्था में गांवों की अहम भूमिका है और गांवों की अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भूमिका पुरुषों से ज़्यादा है. यानी ग्रामीण महिलाएं भारत की अर्थव्यवस्था की धुरी हैं, लेकिन उनकी मुश्किलों की ओर किसी का ध्यान नहीं जाता. न ही समाज का और न ही सरकार का. उनकी...
More »SEARCH RESULT
किसानों के लिए आनेवाले दिन बहुत भारी- देविंदर शर्मा
भारतीय मॉनसून के लिए अल नीनो, एक विलेन की तरह माना जाता है. अल नीनो की मार से ऑस्ट्रेलिया और भारत सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं. अल नीनो से सामान्य मॉनसून की हालत बिगड़ने का अंदेशा है, जिससे बारिश कम होने की आशंका जतायी जा रही है. देश के मौसम विभाग ने इस वर्ष अल नीनो के आने की 70 फीसदी तक उम्मीद जतायी है. दरअसल, मॉनसून के सबसे बीचवाले...
More »अलनीनो, मॉनसून और अर्थव्यवस्था- अविनाश कुमार चंचल
दुनियाभर के पर्यावरण विशेषज्ञ 2014 को अलनीनो का साल मान रहे हैं. अगर सच में यह साल अलनीनो के प्रभावों वाला होगा, तो यह भारत सहित समूचे दक्षिण एशियाई क्षेत्र के लिए चिंताजनक स्थिति बन सकती है. भारतीय मौसम विभाग ने भी इस साल मॉनसून में कमी का अनुमान जताया है. अलनीनो, मॉनसून और अर्थव्यवस्था पर इसके प्रभाव पर नजर डाल रहा है आज का नॉलेज. पर्यावरण के गंभीर खतरों के बीच...
More »जल संकट दूर कर प्रेरणा बने कर्नाटक के गांव- पंकज चतुर्वेदी
ऊंचे पहाड़ों व चट्टानों के बीच बसे कर्नाटक के चुलुवनाहल्ली गांव के बीते दस साल बेदह त्रासदीपूर्ण रहे। गांव के एकमात्र तालाब की तलहटी में दरारें पड़ गईं, जिससे बारिश का पानी टिकता नहीं था। तालाब सूखा तो सभी कुए, हैंडपंप व ट्यूबवेल भी सूख गए। साल के सात-आठ महीने तो सारा गांव महज पानी जुटाने में खर्च करता था। ऐसे में खेती-किसानी चौपट हो गई। ऐसे में गांव के...
More »बिचौलिये उठाते हैं लाभ
सरकार ने राज्य के अधिकतर जिलों को सुखाड़ घोषित कर दिया. स्थिति भी सुखाड़ वाली है, लेकिन किसानों को क्या मिला. अभी केंद्रीय टीम आयेगी, जायजा लिया जायेगा, उसके बाद जो मिलना होगा, मिलेगा. लेकिन अभी तो किसान भूखे मर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर से सभी झंझावतों से लड़ते हुए यदि किसान फसल उपजाने में सफल रहे रहे, तो उसका उचित कीमत नहीं मिलेगा. अभी सरकार को किसानों के उत्पाद को लेने...
More »