SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 145

कोरोना महामारी से पीड़ित लोग हो रहे हैं डिप्रेशन के शिकार

-बीबीसी, भारत के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय का कहना है कि कोरोना महामारी के दौरान इस बीमारी से पीड़ित 30 फ़ीसद लोग अवसाद या डिप्रेशन का शिकार हुए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना महामारी की वजह से तनाव के बढ़ते मामलों को देखते हुए दिशानिर्देश जारी किए हैं. दिशानिर्देश कई शोध रिपोर्ट के आधार पर तैयार किए गए हैं. कोरोना वायरस महामारी ने दुनिया भर में लोगों की मानसिक स्थिति पर गहरा...

More »

असम: पशुपालकों को बर्बाद कर रहा अफ्रीकन स्वाइन फीवर, संक्रमण से अब तक हजारों सुअरों की हुई मौत

-गांव कनेक्शन, एक तरफ जहां पूरा देश अभी भी कोरोना से निपटने में लगा है, वहीं असम में अफ्रीकन स्वाइन फीवर से अब तक 18000 सुअरों की मौत हो गई है और जल्द ही संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए 12000 से अधिक सुअरों को मार दिया जाएगा। भारत के पूर्वोत्तर राज्यों में हजारों परिवारों के कमाई का जरिया ही सुअर पालन है। ऐसे में इन परिवारों के सामने रोजगार...

More »

क्या ‘सार्वभौमिक मास्किंग’ कोरोनावायरस के एक ‘अनगढ़ टीके’ की तरह काम करती है?

-न्यूजलॉन्ड्री, दुनिया आज एक सुरक्षित और प्रभावी कोरोनावायरस टीके के आने का इंतजार कर रही है. इसी सिलसिले में शोधकर्ताओं के एक दल ने एक उकसाने वाली नयी थ्योरी पेश की है, कि फेस-मास्क (मुखौटा) वायरस के खिलाफ लोगों को प्रतिरक्षित करने में मदद करता है. न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ़ मेडिसिन में पिछले दिनों प्रकाशित एक टिप्पणी में छपा एक अप्रमाणित विचार जो कि ‘वेरिओलेशन’ की पुरानी अवधारणा से प्रेरित है....

More »

कोविड-19 : महाराष्ट्र सहित देश के अन्य हिस्सों में ऑक्सीजन की भारी कमी, अस्पताल परेशान

-कारवां, 2 सितंबर को पनवेल में निरामय हॉस्पिटल्स के मेडिकल निदेशक डॉ. अमित थडानी 16 घंटे तक ऑक्सीजन खोजते रहे. थडानी 55 बेड वाला अस्पताल चलाते हैं जो अब कोविड-19 अस्पताल है जहां मरीजों के लिए एक दिन में 70 ऑक्सीजन सिलेंडर की जरूरत होती है. थडानी ने ऑक्सीजन के 50 सिलेंडर मंगवाने के लिए कई ऑक्सीजन डीलरों को आर्डर दिए थे लेकिन उस दिन दोपहर तक उन्हें सिर्फ 20 मिल पाए...

More »

लॉकडाउन से बेरोज़गार एमबीए, इंजीनियर मिट्टी ढो रहे हैं मनरेगा में

-सत्यहिंदी, कोरोना लॉकडाउन की वजह से देश में करोड़ों लोगों की रोज-रोटी छिनी, इसमें असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की तादाद सबसे ज़्यादा है। पर ऐसा नहीं है कि इसकी मार सिर्फ़ उन्हीं पर पड़ी है। पढ़े-लिखे, एअर कंडीशन्ड ऑफ़िसों में काम करने वाले लोगों की भी नौकरी गई है। इसमे वे लोग भी शामिल हैं जो इंजीनियर हैं, एमबीए हैं, जिन्होंने संघर्ष कर गाँव की ग़रीबी से निजात पाई और शहरों...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close