-आउटलुक, कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन के समय में टमाटर की मांग कम होने के कारण बहुत से किसानों ने खेतों की जुताई कर दी थी, जिसका असर अब इसकी आवक पर पड़ा है। आजादपुर मंडी में टमाटर की आवक कम होने से पिछले 15 दिनों में थोक कीमतें दोगुनी हो गई है जबकि खुदरा में टमाटर के दाम बढ़कर 55 से 60 रुपये प्रति किलो पर पहुंच गए हैं। बहारी...
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कोरोना वायरस: महामारी ने कैसे कतर डाले भारतीय एयर इंडस्ट्री के पंख
-बीबीसी, बहुत पहले की बात नहीं है जब इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (IATA) ने घोषणा की थी कि 2037 तक हवाई यात्रियों की संख्या 8.2 बिलियन तक पहुंच जाएगी और दुनिया भर में विमानन उद्योग यात्रियों की संख्या में होने वाली इस वृद्धि के लिए कमर कस रहा है. लेकिन कोरोना वायरस की गंभीर चोट से अन्य सेक्टर्स की तरह यह भी अछूता नहीं रहा. महामारी का असर इतना गहरा है कि...
More »क्यों चीन से अचानक व्यापार बंद करने पर भारत को ही ज्यादा नुकसान उठाना पड़ सकता है
-सत्याग्रह, लद्दाख में गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुए संघर्ष में 20 भारतीय सैनिकों के मारे जाने के बाद देश में चीन खिलाफ भारी नाराजगी है. देश भर में लोग चीन के सामना का बहिष्कार कर रहे हैं. लोग सरकार से भी चीन के साथ व्यापार बंद करने की मांग कर रहे हैं. खुदरा व्यापरियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने चीनी वस्तुओं...
More »16 दिन में पेट्रोल के दाम में 8.30 और डीज़ल के दाम में 9.46 रुपये प्रति लीटर की वृद्धि
-द वायर, तेल कंपनियों ने सोमवार को लगातार 16वें दिन पेट्रोल, डीजल के दाम बढ़ा दिए. पेट्रोल के दाम में सोमवार को 33 पैसे और डीजल के दाम में 58 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि की गई. इस वृद्धि के बाद खुदरा दाम रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गए. ताजा वृद्धि के बाद दिल्ली में पेट्रोल का दाम 79.23 रुपये से बढ़कर 79.56 रुपये और डीजल का दाम 78.27 रुपये से बढ़कर 78.55...
More »टूटी हुई खाद्य प्रणाली और किसानों के लिए फ्री मार्केट का औचित्य?
-गांव कनेक्शन, "1980 के दशक में किसान प्रत्येक डॉलर में से 37 सेंट घर ले जाते थे। वहीं आज उन्हें हर डॉलर पर 15 सेंट से कम मिलते हैं," यह बात ओपन मार्केट इंस्टीट्यूट के निदेशक ऑस्टिन फ्रेरिक ने कंजर्वेटिव अमेरिकन में लिखी है। उन्होंने इस तथ्य के जरिये इशारा किया कि पिछले कुछ दशक में किसानों की आमदनी घटने की प्रमुख वजह चुनिंदा बहुराष्ट्रीय कंपनियों की बढ़ती आर्थिक ताकत है।...
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