ग्रामीण क्षेत्र की अर्थव्यवस्था ने भी भारत को आर्थिक संकट के दौर में स्थिर रखने में मदद दी वैश्विक आर्थिक मंदी के दौर में भारत के ग्रामीण विकास और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के बारे में जानी मानी अर्थशास्त्री जयति घोष कहती हैं कि जहां संयुक्त प्रगतिशील गंठबंधन सरकार की पहली पारी गंभीर और सकारात्मक रही, वहीं दूसरी पारी में सरकार कम गंभीर नज़र आ रही है. उनका मानना है कि सरकार की कुछ तैयारियों और बदलावों के...
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गन्ना मूल्य को लेकर किसानों का भारी प्रदर्शन
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा घोषित नई गन्ना मूल्य नीति के विरोध में गुरुवार को हजारों किसानों ने राजधानी दिल्ली में प्रदर्शन किया। इस मौके पर किसानों को संबोधित करते हुए जद यू के अध्यक्ष शरद यादव ने कहा कि सरकार जब तक इससे संबंधित अध्यादेश को वापस नहीं लेगी तब तक किसानों का आंदोलन जारी रहेगा और संसद को नहीं चलने दिया जाएगा। इससे पहले हाथों में गन्ना लिए...
More »उत्तर प्रदेश में हो सकती है चीनी की किल्लत
गन्ने को लेकर गतिरोध कायम रहने से उत्तर प्रदेश में चीनी की भारी कमी पड़ने की आशंका जताई जा रही है, जिससे इसकी खुदरा कीमतों पर दबाव बढ़ सकता है। चीनी की मौजूदा खुदरा दर 35 रुपये प्रति किलोग्राम है, जो पिछले वर्ष की समान अवधि की दरों की तुलना में लगभग दोगुनी है। मुश्किल यह है कि कम उत्पादन की स्थिति में चीनी की महंगाई और बढ़ेगी। इस आशंका की...
More »आँकड़ों में गांव
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) ने अपने 77वें दौर के सर्वेक्षण के आधार पर 10 सितंबर, 2020 को 'ग्रामीण भारत में परिवारों की स्थिति का आकलन और परिवारों की भूमि जोत, 2019' नामक रिपोर्ट जारी की है. यह रिपोर्ट 1 जनवरी, 2019 से 31 दिसंबर, 2019 के बीच किए गए एनएसओ के 77वें दौर के सर्वेक्षण पर आधारित है. इस अवधि के दौरान एनएसओ द्वारा 45000 से अधिक कृषि परिवारों का...
More »किसान और आत्महत्या
खास बात • राष्ट्रीय स्तर पर हुई कुल आत्महत्याओं में किसान-आत्महत्याओं का प्रतिशत साल 1996 में 15.6% , साल 2002 में 16.3% साल 2006 में 14.4% , साल 2009 में 13.7% तथा साल 2010 में 11.9% तथा साल 2011 में 10.3% रहा है। # • राष्ट्रीय स्तर पर हुई कुल आत्महत्याओं में किसान-आत्महत्याओं का प्रतिशत साल 2014 में 9.4%,साल 2015 में 9.43%, साल 2016 में 8.7%, साल 2017 में 8.2%, साल 2018 में 7.69% रहा है। • 2018...
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