SEARCH RESULT

Total Matching Records found : 2869

सिकुड़ रही कश्मीर घाटी की झीलें, इंसानी हस्तक्षेप के चलते पानी की गुणवत्ता में भी आ रही गिरावट

डाउन टू अर्थ, 21 जून कश्मीर घाटी में मौजूद झीलें पिछले कुछ वर्षों में तेजी से सिकुड़ रहीं हैं। साथ ही इन झीलों में मौजूद पानी की गुणवत्ता भी तेजी से गिर रही है। यह जानकारी नासा अर्थ ऑब्जर्वेटरी द्वारा साझा की गई रिपोर्ट में सामने आई है। इन झीलों में कश्मीर को दो बेहद प्रसिद्ध झीलें डल और वुलर शामिल हैं। यह झीलें हिमालय के ऊंचे पहाड़ों से घिरी हैं...

More »

राप्ती नदी में हर रोज गिर रहा 500 टन नगरीय कचरा, प्रोसेसिंग प्लांट का निर्माण अधूरा

डाउन टू अर्थ, 30 मई उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में नगर निगम द्वारा राप्ती नदी की धारा में हर रोज 500 टन नगरीय कचरा गिराया जा रहा है। वहीं, अभी तक निस्तारण के लिए कूड़ा प्रोसेसिंग प्लांट का काम भी पूरा नहीं किया जा सका है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने एनजीटी में अपनी रिपोर्ट दाखिल करते हुए कहा है कि सुथनी गांव में 500 टन प्रति दिन का...

More »

डीएपी सब्सिडी में 15,792 रुपये प्रति टन की कटौती, वैश्विक कीमतों में गिरावट से सरकार के सब्सिडी बिल में होगी बड़ी बचत

रूरल वॉयस, 23 मई केंद्र सरकार ने विनियंत्रित उर्वरकों पर न्यूट्रिएंट आधारित सब्सिडी (एनबीएस) स्कीम के तहत खरीफ सीजन 2023-24 के लिए  पीएंडके उर्वरकों के विभिन्न वेरिएंट पर सब्सिडी में भारी कटौती की है। विनियंत्रित उर्वरकों में कॉम्प्लेक्स उर्वरकों में सबसे अधिक बिकने वाले डाई अमोनियम फॉस्फेट (डीएपी) पर खरीफ सीजन के लिए 32,641 रुपये प्रति टन की सब्सिडी मिलेगी। इस संबंध में 18 मई, 2023 को डिपार्टमेंट ऑफ फर्टिलाइजर्स ने...

More »

राजस्थान की अवांछित बेटियां: लिंग निर्धारण और कन्या भ्रूण हत्या

रूरल वॉयस, 22 मई भारत में कपास के उत्पादन में हाल के वर्षों के दौरान गिरावट आई है। यह गिरावट वर्ष 2015 से लगातार है। इस दौरान उत्पादन सालाना 400 लाख गांठ से घटकर 310 लाख गांठ रह गया है। कीटों का प्रभाव नए सिरे से बढ़ने और विपरीत जलवायु परिस्थितियों के कारण यील्ड नहीं बढ़ रही है। विश्व औसत कपास उत्पादकता 768 किलो प्रति हेक्टेयर है, जबकि भारत का राष्ट्रीय...

More »

उत्तराखंड: जोशीमठ संकट के चार महीने बाद किस हाल में हैं प्रभावित लोग

मोंगाबे हिंदी, 22 मई “हमें अपने खेतों और पशुओं की देखभाल के लिए दिन में कई बार अपने राहत शिविर से अपने घर आना पड़ता था और अब तो शिविर में खाना भी नहीं मिल रहा इसलिए अब हम दिनभर अपने घर में ही रहते हैं,” जोशीमठ के वार्ड क्रमांक 07 (सुनील गांव) की रहने वाली सुनैना सकलानी कहती हैं।  उत्तराखंड के चमोली जिले में बसे जोशीमठ शहर में इस साल जनवरी...

More »

Video Archives

Archives

share on Facebook
Twitter
RSS
Feedback
Read Later

Contact Form

Please enter security code
      Close