पिथौरागढ़। सरकार के तमाम दावों के बावजूद जनपद की स्वास्थ्य सुविधाओं में कोई सुधार नहीं हो पाया है। यहां पर चिकित्सकों की भारी कमी के चलते अधिकांश मामलों में खुद बीमार पड़े प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से लेकर जिला चिकित्सालय तक महज रेफर सेंटर साबित हो रहे हैं। वर्ष 2006 में स्वीकृत हुये बेस अस्पताल का मामला अभी भी अधर में है। बेस चिकित्सालय के राजनीति की भेंट चढ़ जाने से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलने की उम्मीद...
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निजाम नया, अंजाम नया
सासाराम [कार्यालय प्रतिनिधि]। जिले में कभी ओझा गुनी बीमारों का इलाज करते थे और सरकारी अस्पताल बदहाली का रोना रोते थे, लेकिन नए निजाम में व्यवस्था के बदले अंदाज ने इस तथ्य को बदल डाला है। सरकारी अस्पतालों में मरीजों की बढ़ती भीड़ इस बात की गवाह है कि लोगों का विश्वास सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं में बढ़ा है। अंधविश्वासों पर यकीन करने वाले लोग यह समझने लगे हैं कि हर मर्ज की दवा है। पहले...
More »ये बेहाल सूरतें लेकिन गहरी नींद में है समाज
छपरा [कृष्णकांत]। 'खिलौना जान कर तुम तो मेरा दिल तोड़ जाते हो..।' बहुत दुश्मन दौर के गहरे धंसी टीस का बेतरतीब बयान है यह गीत- फिल्म 'खिलौना' का। गाना मशहूर अभिनेता स्व. संजीव कुमार पर फिल्माया गया था-जो अब रीयल लाइफ में भी कई ऐसे लोगों पर घट रहा है, जिनकी रातें बेचैनियों में कटीं। वे सुखिया नहीं है कि खाते और सोते। दुखिया है इसलिए कि जाग गये, जान गये। अब रो-रो कर असहज...
More »सवाल सेहत का
खास बात • सिर्फ 10 फीसदी भारतीयों के पास हेल्थ इंश्योरेन्स है और यह बीमा भी उनकी सेहत की जरुरतों के हिसाब से पर्याप्त नहीं है। *** • अस्पताल में भर्ती भारतीय को अपनी सालाना आमदनी का 58 फीसदी इस मद में व्यय करना पड़ता है।*** • तकरीबन 25 फीसदी भारतीय सिर्फ अस्पताली खर्चे के कारण गरीबी रेखा से नीचे हैं। *** • सेहत के मद में होने वाले खर्चे का सवाल बड़ा चिन्ताजनक है। सालाना 10 करोड़ लोग...
More »सतत् विकास लक्ष्य
प्रिय पाठक, नॉलेज गेटवे में आपका स्वागत है।अब अगर आपका सवाल है कि ये नॉलेज गेटवे है क्या? तो हमारा जवाब होगा कि दरअसल हम एक भंडारगृह बना रहे हैं; सूचनाओं का भंडारगृह। यहाँ आपकी भेंट किसी ‘खास विषय’ से जुड़ी ज़रूरी सूचनाओं से हो जाएगी। आपकी सहूलियत के लिए हमने नॉलेज गेटवे को कई खण्डों–उपखण्डों में बाँटा है। ये ‘सतत् विकास लक्ष्य’ नामक उपखंड है। खास बातें— पहले वैश्विक युद्ध के कारण मची...
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