नयी दिल्ली : मुख्य निर्वाचन आयुक्त वी एस संपत ने कहा है कि भारतीय चुनाव में पेड न्यूज की बढती समस्या से निपटने की राह में एक कानूनी खामी है और निर्वाचन कानून के तहत इसे अपराध बनाये जाने की जरूरत है. संपत को इस तथ्य से राहत है कि निर्वाचन आयोग ने 16वीं लोकसभा के चुनाव सफलतापूर्वक संपन्न कराये जिसमें पहली बार नेताओं को नफरत फैलाने वाले भाषण देने से...
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राज्यों से बेहतर तालमेल जरूरी- नृपेन्द्र मिश्र
बस दो हफ्तों की बात और है, इसके बाद केंद्र में एक नई सरकार होगी, जिसे बेकाबू भ्रष्टाचार, धीमी विकास दर, बेरोजगारी, आवश्यक वस्तुओं के बढ़ते दामों और गहरी जड़ें जमा चुकी दोषपूर्ण मान्यताओं से उपजी राजनीतिक व्यवस्था जैसी विकराल चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा। चुनावी सरगर्मियों पर नजर डालने से साफ पता चलता है कि ऐसे तीन मुद्दे हैं, जो औसत मतदाता की परेशानियों का सबब बनते हैं। इनमें सबसे...
More »कैसे पूरे हो पाएंगे किसानों से किए वायदे- हरवीर सिंह
केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन की सरकार के दस साल के कार्यकाल के बाद अब एक ऐसी नई सरकार की उम्मीद लोग लगा रहे हैं, जो केवल देखने में ही मौजूदा गठबंधन से अलग नहीं होगी, बल्कि कामकाज के तरीके के मामले में भी अलग होगी। ऐसे में सत्ता पर काबिज होने की उम्मीद रखने वाले बड़े दल महंगाई को काबू में लाने और विकास की गति को तेज करने के...
More »मध्य वर्ग का बहुत कुछ दांव पर- लीला फर्नांडिज
भारत का मध्यवर्ग लोकसभा चुनाव के केंद्र में है। नरेंद्र मोदी और भाजपा ने ‘नव मध्यवर्ग’ के तौर पर एक नई राजनीतिक पहचान देकर सुनियोजित ढंग से शहरी मध्यवर्ग को लुभाने की कोशिश की है। इस नई पहचान ने मध्यवर्ग की आकांक्षाओं को नए पंख दिए हैं। कांग्रेस की अगुवाई वाली सरकार से मध्यवर्ग को मिली मायूसी के कारण भाजपा की यह रणनीति काम करती दिख रही है। असमान आर्थिक विकास, बढ़ती...
More »उपज का घटता भाव- संजीव झा
एक तरफ खाद-उर्वरक के बढ़ते उपयोग के चलते कृषि पैदावार में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई, तो दूसरी तरफ तेजी से बढ़ रहे शहरीकरण ने कृषि योग्य भूमि के विस्तार को सीमित कर दिया। पिछली सदी के दौरान खाद्यान्न की मांग में खासी तेजी के बावजूद खाद्यान्न की कीमत में वास्तविक अर्थों में हर वर्ष 0.7 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई। खेती की उपज को लेकर देश के साथ-साथ दुनियाभर के आंकड़ों...
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