जनसत्ता 16 अक्टुबर, 2012: दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, सवा अरब लोगों का। छह-सात प्रतिशत की दर से बढ़ती अर्थव्यवस्था। पर इसकी अधिकांश आबादी को अब तक ‘ट्रिकल डाउन’ यानी अमीरों के उपभोग से रिस कर मिलने वाले लाभ का ही आसरा है। छीजते जाते संसाधन, बिगड़ता जाता पर्यावरण, जलावतनी और विस्थापन, एक-दूसरे को काटती और खारिज करती पहचानें, लगभग एक-तिहाई से भी अधिक भूभाग सैन्यबलों के भरोसे, और इतने पर भी धन...
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झारखंड में आज भी सपना है बेहतर इलाज
रांची से 32 किमी दूर रांची-पुरुलिया रोड से एक किमी बायें हटकर पहाड़ी की तलहटी में बसा चमघटी पाहनटोली गांव अपनी खूबसूरत भौगोलिक स्थिति व भरपूर हरियाली के कारण लोगों का मन मोह लेता है. पर इस गांव के लोगों की बदहाल जिंदगी व उनका दुख दिल को झकझोर देता है. 31 अगस्त को रांची के अनगड़ा प्रखंड के इस गांव की बीमार आदिवासी महिला लीलावती देवी की मिरगी या...
More »बिजली न पानी, ऊपर से मौसम की बेईमानी
जालंधर. पीने के पानी की किल्लत ने लोगों को सड़कों पर उतरने के लिए मजबूर कर दिया है। मंगलवार को बस्ती पीर दाद, ग्रीन एवेन्यू, बस्ती शेख, जनक नगर, कमल विहार और अन्य इलाकों में पानी की किल्लत को लेकर लोगों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने निगम पर पानी की सप्लाई न होने पर रोष जाहिर किया। लोगों ने तुरंत पानी की सप्लाई को दुरुस्त करने की मांग की। बस्ती पीर दाद निवासी...
More »जानते हैं ‘जहरीला’ है लेकिन पीना मजबूरी
शिमला. संजौली के साथ लगते चलौंठी के करीब 2 हजार लोग जानते हुए भी ‘जहरीला’ पानी पी रहे हैं। यहां तीसरे दिन पानी की सप्लाई मिल रही है। लिहाजा लोगों को दूषित बावड़ी का पानी इस्तेमाल करना पड़ रहा है। जिला स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम ने बावड़ी में बोर्ड भी लगा रखा है कि यहां का पानी पीने योग्य नहीं है, लेकिन लोगों के पास इस बावड़ी के अलावा कोई...
More »बाढ से हाहाकार, प्रदेश के 120 गांवों का जनजीवन अस्तव्यस्त
लखनऊ। बाराबंकी तथा गोण्डा जिले में एल्गिन-चरसड़ी बांध और उसे बचाने के लिए बने रिंग बांध के ध्वस्त हो जाने से बाढ़ की स्थिति में कोई सुधार नहीं है और हालात जस के तस बने हुए हैं जबकि तेजी से बढ रहे घाघरा के जलस्तर से बहराइच जिले के कई गांव बाढ से घिर गये। बाराबंकी जिले के 12 बहराइच के 24 और गोण्डा के 80 गांवों और मजरों में बाढ का पानी...
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