केंद्र सरकार ने किसानों के लिए फसल बीमा स्कीम घोषित की है. धरती का तापमान बढ़ने से प्राकृतिक आपदाएं बढ़ेंगी. तदानुसार, किसानों की समस्याएं बढ़ेंगी. फसल चौपट होने से इन्हें आत्महत्या करने या खेती से पलायन करने पर मजबूर होना पड़ेगा. अतः सरकार द्वारा घोषित बीमा योजना सही दिशा में है. हालांकि, इसके सफल होने में संदेह है. दरअसल, किसानों को फसलों के नुकसान की भरपाई हो जाये, तो...
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खतरा : उत्तरी ध्रुव पर पिघल रही है बर्फ
शून्य से 1.9 डिग्री नीचे तापमान। आम जन-जीवन या हमारे आसपास के किसी भी इलाके के लिए इस तापमान को बेहद ठंडा कहा जाएगा। सब कुछ जमता हुआ-सा लगेगा। लेकिन बात उत्तरी ध्रुव की हो तो? वहां के लिए निश्चित ही इस तापमान को खतरे की घंटी माना जाएगा। चिंताजनक बात यह है कि यह घंटी बज चुकी है। दुनिया की सबसे ठंडी जगहों में शुमार उत्तरी ध्रुव में बढ़ती...
More »जलवायु न्याय की डगर पर-- एन के सिंह
रॉबर्ट स्वान की इस पंक्ति को याद करना जरूरी है- यह सोच हमारी पृथ्वी के लिए सबसे बड़ा खतरा है कि कोई दूसरा इसे बचा लेगा। कई वैज्ञानिक रिपोर्ट यह इशारा करती हैं कि ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के मौजूदा खतरे की वजह मानवीय गतिविधियां हैं, इसलिए इससे निपटने की जवाबदेही भी मनुष्यों की ही होनी चाहिए। बान की मून के शब्दों में- जलवायु परिवर्तन किसी सीमा से बंधा...
More »धरती पर होगा ऑक्सीजन संकट!
ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ रहे खतरे और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों ने भविष्य के लिए नये सवाल खड़े कर दिये हैं. इससे बाढ़, सूखा, तूफान और पिघलती बर्फ के अलावा आॅक्सीजन की कमी भी हो सकती है. ‘साइंस डेली' के मुताबिक, ब्रिटेन की यूनिवर्सिटी आॅफ लीसेस्टर के एप्लाइड मैथेमैटिक्स के प्रोफेसर सरगेइ पेट्रोव्स्की के नेतृत्व में इस संबंध में एक नया शोध किया गया है. उनका कहना है कि उन्होंने ग्लोबल...
More »जलवायु परिवर्तन से बड़े होने लगे हैं दिन
टोरंटो। रात के मुकाबले दिन की लंबाई धीरे-धीरे बढ़ने लगी है। वैज्ञानिकों ने एक हालिया अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला है। उनका मानना है कि जलवायु परिवर्तन के दुष्प्रभावों के चलते ही दिन बड़े होने लगे हैं। शोधकर्ताओं का दावा है कि वैश्विक तापमान में बढ़ोतरी के चलते ध्रुवों के निकट ग्लेशियरों के पिघलने का सिलसिला लगातार जारी है। इससे समुद्र तल में वृद्धि हो रही है। उनका कहना है कि...
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