लगातार दो कमजोर मॉनसून और लापरवाह जल-प्रबंधन के कारण देश में सूखे का संकट उत्तरोत्तर गंभीर होता जा रहा है. देश की करीब आधी आबादी सूखा और जल-संकट की चपेट में है. कई इलाकों में तो दो साल से अधिक समय से यह स्थिति व्याप्त है. अत्यंत गंभीर रूप से प्रभावित क्षेत्रों से बड़ी संख्या में ग्रामीण पलायन को मजबूर हैं. सरकारी तंत्र इस विपदा से निबटने में न सिर्फ...
More »SEARCH RESULT
छत्तीसगढ-- सूखा प्रभावित किसानों को बोवनी के लिए बंटेगा धान
जिले के सूखा प्रभावित किसानों के लिए राहत भरी खबर है कि कृषि विभाग सूखा प्रभावित सीमांत एवं लघु किसानों को बोनी करने रकबा के हिसाब से धान का वितरण करेगा। इसके लिए कृषि विभाग ने कृषकों की लिस्ट बनानी शुरू कर दी है। संभावना जताई जा रही है कि अप्रैल माह में उन्हें अनाज वितरीत किया जाएगा। बरमेकला ब्लॉक अंतर्गत जीरापाली, सांकरा और भकुर्रा ग्राम को इस साल सूखा घोषित...
More »काला धन वापस लाने की दिशा में आगे बढ़ें-- कृष्णमूर्ति सुब्रमनियन
भारतीय कंपनियों ने दुनियाभर के टैक्स हैवन यानी भारी कर रियायतें देने वालेे वाले देशों में काफी पैसा छिपा रखा है। 2012-13 से भारतीयों ने 31,000 करोड़ रुपए से ज्यादा सिंगापुर में निवेश किए हैं। नीदरलैंड्स को भी बहुत पसंद किया जाता है। वहां 2013-14 में 11,330 करोड़ लगाए गए। सत्ता में आने के पहले भाजपा के प्रमुख वादों में काले धन को वापस लाने का वादा भी था। इस...
More »आधी अधूरी खाद्य व्यवस्था-- जाहिद खान
तत्कालीन यूपीए सरकार जब साल 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक लेकर आई, तो यह उम्मीद बंधी थी कि इस विधेयक के अमल में आ -जाने के बाद देश की 63.5 फीसद आबादी को कानूनी तौर पर तय सस्ती दर से अनाज का हक हासिल हो जाएगा। अफसोस, इस कानून को बने तीन साल हो गए, मगर यह आज भी पूरे देश में अमल में नहीं आ पाया है। नौ...
More »'कुछ दिन और पानी में रहे तो हम भी गजेंद्र हो जाएंगे'
ओंकारेश्वर। हम हमारा अधिकार मांग रहे हैं... मेरी जमीन पर मूंग की फसल बोई थी, यहां पानी भर दिया है। अब मैं क्या करुं कुछ समझ में नहीं आ रहा। कुछ दिन और पानी में रहे तो हम भी गजेंद्र हो जाएंगे। यह दर्द भरी बात घोघलगांव जल सत्याग्रह के 16वें दिन आंदोलनकारी रमेश कड़वाजी ने कही। उन्होंने कहा कि मैं बाकी किसी की बात नहीं करता। मेरे खेत का मुझे...
More »