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शहरों ने लील लिए 490 गांव

भोपाल। शहरीकरण के मामले में मप्र भी देश के अन्य राज्यों के नक्शेकदम पर है। जनगणना के ताजा अंतरिम आंकड़ों के अनुसार पिछले दस सालों में मप्र के करीब सवा फीसदी लोग गांवों से निकलकर शहरों में बस गए हैं। प्रदेश में शहरों की संख्या में 82 का इजाफा हुआ है, जबकि 490 गांव कम हो गए। हालांकि राज्य के अब भी सवा पांच करोड़ (72.37 फीसदी) लोग गांवों में ही...

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जन्म से बंधी सामाजिक बेड़ियां : हर्ष मंदर

लाखों महिलाएं, पुरुष और बच्चे आज भी उन अपमानजनक सामाजिक बेड़ियों में बंधे हुए हैं, जो उनके जन्म से ही उन पर लाद दी गई थीं। आधुनिकता की लहर के बावजूद आज भी भारत के दूरदराज के देहातों में जाति व्यवस्था जीवित है। यह वह व्यवस्था है, जो किसी व्यक्ति के जाति विशेष में जन्म लेने के आधार पर ही उसके कार्य की प्रकृति या उसके रोजगार का निर्धारण कर...

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रैन बसेरों में दी जाए मूलभूत सुविधाएं

नई दिल्ली, जागरण संवाददाता: राजधानी के रैन बसेरों में मूलभूत सुविधाएं देने के लिए दिल्ली नगर निगम , नई दिल्ली नगर पालिका परिषद व दिल्ली जल बोर्ड द्वारा आपस में तालमेल न बनाए जाने पर उच्च न्यायालय ने निराशा जाहिर की है। अदालत ने गरीबों के लिए बनाए एक अस्थाई रैन बसेरों को दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा ढहाए जाने पर भी नाराजगी जताते हुए एमसीडी, एनडीएमसी, डीडीए व...

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लोगों ने सूदखोरों के खिलाफ मोर्चा खोला

देवघर, मधुपुर। मधुपुर अनुमंडल क्षेत्र के लोगों ने सूदखोरों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। सोमवार को लोगों ने अनुमंडल पदाधिकारी के खिलाफ नारेबाजी की। सभी पीड़ित हाथों में तख्ती लिए हुए थे। मौके पर पीड़ित दर्जनों लोगों द्वारा हस्ताक्षरित राज्यपाल के नाम प्रेषित ज्ञापन को अनुमंडलाधिकारी को सौंपा। राज्यपाल के नाम लिखित पत्र में पीड़ितों ने न्याय दिलाने की मांग करते हुए सूदखोरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की गुहार लगायी...

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पंचायतों में ओबीसी आरक्षण वैध : सर्वोच्च न्यायालय

नई दिल्ली !   सर्वोच्च न्यायालय ने पंचायतों में, नगर पालिकाओं में और इन संस्थाओं के अध्यक्ष जैसे एकल पदों पर अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को आरक्षण देने के संवैधानिक प्रावधान की वैधता को मंगलवार को सही ठहराया है। अदालत ने यह भी कहा कि इन संस्थाओं के अध्यक्ष पद को सरकारी नौकरियों में एकल पदों के समकक्ष नहीं माना जा सकता। अदालत ने कहा कि अनुच्छेद 243-डी (6) और अनुच्छेद 243-टी (6) इसलिए संवैधानिक...

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