नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों को दबाने के लिए उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा किये गए दमन की शिकायतों की जांच करने, यौनिक हिंसा और राजकीय दमन के खिलाफ महिलाएं (WSS) की पांच सदस्यीय टीम विगत 1-2 फरवरी को पश्चिमी उत्तर के मेरठ, शामली, मुज़फ्फरनगर और बिजनौर जिलों के दौरे पर गई। यह जांच समिति मेरठ में 5, मुज़फ्फरनगर में 1 और नहटौर, जिला बिजनौर के 2 मृतकों...
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डेढ़ सौ बरस के गांधी का नवीन वैभव
गए साल अक्टूबर की 20 तारीख़ को कानपुर में एक गोष्ठी से गुज़रना हुआ था. विचारशीलता और बौद्धिक हस्तक्षेप की पत्रिका ‘अकार’ के मार्फ़त आयोजित इस गोष्ठी का विषय ‘डेढ़ सौ बरस के गांधी’ था. इस गोष्ठी के दरमियान लिए गए नोट्स इन पंक्तियों के लेखक की डायरी में लंबे समय तक दबे रहे. कानपुर से लौटकर इन नोट्स पर लौटना न हुआ, लेकिन अब हो रहा है—पर्याप्त देर से ही...
More »संविधान की अंतरात्मा और शिक्षा
“अगर संविधान पर ढंग से अमल होता तो सबको समान शिक्षा मिलती और गैर-बराबरी नहीं रहती, लेकिन सरकारों ने इसकी अवहेलना की, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ न केवल भटकाव बल्कि छलावा भी” घिरे हैं हम सवाल से हमें जवाब चाहिए, जवाब-दर-सवाल है के इंकलाब चाहिए! -शलभ श्री राम सिंह हम भारत के लोग ने संविधान को 26 नवंबर 1949 को अंगीकार किया था। आज लगभग 70 साल के बाद देश का शासक...
More »देश की औरतें जब बोलती हैं तो शहर-शहर शाहीन बाग हो जाते हैं
शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शन को एक महीने से ज़्यादा वक्त बीच चुका है। इस बीच दिल्ली के पारे का रिकॉर्ड कई बार टूटा, सत्ता का दमनचक्र कई बार आक्रामक हुआ, आंदोलन को भटकाने की कई बार कोशिश की गई, मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा, दिल्ली के एक वर्ग को एनआरसी और नागरिकता संशोधन कानून से अधिक परेशानी ट्रैफिक से होने लगी लेकिन शाहीन बाग की औरतें आज भी डटी...
More »नागरिकता क़ानून-एनआरसी पर प्रदर्शन में कौन ढूंढ रहा है हिंदू-मुसलमान?
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों पर हुए हमले से पैदा हुई राष्ट्रीय उत्तेजना और विक्षोभ ने कुछ समय के लिए नागरिकता संबंधी क़ानून और नागरिकता के लिए पंजीकरण के ख़िलाफ़ चल रहे राष्ट्रव्यापी प्रतिरोध की ओर से ध्यान हटा दिया है। याद रखना ज़रूरी है कि यह प्रतिरोध अभी चल रहा है। कोलकाता जैसा बड़ा शहर हो या मालेगाँव या गया या कोच्चि, लोग अलग-अलग ढंग से इस प्रतिरोध को...
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