-बीबीसी, कच्चे तेल की क़ीमत में आई गिरावट से राहत की उम्मीद पर सरकार ने फिर पानी फेर दिया है. सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज़ ड्यूटी बढ़ा दी है. ये ऐसे वक़्त पर हुआ है जब लोग उम्मीद कर रहे थे कि दुनिया भर में कच्चे तेल के दाम गिर रहे हैं और अब मौक़ा है कि सरकार तेल और गैस के दाम कम करके आम नागरिकों को कुछ राहत...
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बेमौसमी बारिश से हुई धान खराब, गेहूं की बुआई में देरी
पिछले हफ्ते उत्तर प्रदेश के अलग-अलग जिले में हुई बारिश की वजह से किसानों की धान की फसल चौपट हो गई है। खेतों में बारिश का पानी भरने से कटाई कर रखी गई धान की फसल खराब हो रही है। कुछ जगह पर कटाई नहीं होने से खेत में ही फसल लेट गई है। प्रदेश के वाराणसी, चंदौली, सोनभद्र, भदोही में बारिश ने धान की खेती को भारी नुकसान पहुंचाया...
More »झाबुआ के हलमा को गहराई से देखने की कोशिश कीजिए, वर्ल्ड बैंक उथला नज़र आएगा
वह भीषण गर्मी का महीना था, साल 1998, तारीख थी 11 मई, उस दिन पोखरण में ‘बुद्ध मुस्कराए’ थे. इस मुस्कुराहट का स्वाभाविक परिणाम यह हुआ कि दुनिया के तमाम ताकतवर देश मुस्कराना भूल गए. आनन-फानन में कई प्रतिबंध भारत पर लगा दिए गए. अमेरिकी दबाव इस कदर था कि भारत के पुराने दोस्त रूस ने भी हमें क्रायोजनिक इंजन देने से मना कर दिया. उस समय भारत के प्रधानमंत्री...
More »वायु प्रदूषण को रोकने के लिए फसल चक्र बदलने की जरूरत
हाल के समय में उत्तर भारत और विशेषकर दिल्ली एनसीआर वायु प्रदूषण की चपेट में है। अक्टूबर-नवंबर में हवा की गुणवत्ता न्यूनतम स्तर तक पहुंच गई है। मीडिया रिपोर्टों में इसका बड़ा कारण पराली ( धान फसल के ठंडल) जलाना बताया गया है, और इससे दिल्ली और आसपास के लोगों के स्वास्थ्य पर खासा प्रभाव पड़ रहा है। सिस्टम आफ एयर क्वालिटी एंड वेदर फारकास्टिंग एंड रिसर्च (SAFAR-India) की वेबसाइट...
More »मोदी सरकार की खराब नीतियों और बुरे फैसलों की वजह से किसान बदहाल
भारत के किसान कुछ राहत की सांस ले सकते हैं, क्योंकि क्षेत्रीय व्यापक आर्थिक साझेदारी (आरसीईपी) के तीखे विरोध ने मोदी सरकार को इस विनाशकारी कदम से पीछे हटने को मजबूर कर दिया है. पहले से ही खस्ताहाल अर्थव्यवस्था के लिए आरसीईपी किसी बुरे विचार जैसा था और खेती-किसानी जैसे संकटग्रस्त क्षेत्रों के लिए यह बर्बादी का वारंट था. पिछले हफ्ते राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय की लीक हुई रिपोर्ट के मुताबिक बीते...
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