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'भारत को कृषि के लिए एक पारिस्थितिकी केंद्रित दृष्टिकोण विकसित करना चाहिए'

इंडियास्पेंड, 11 मई  पी.एस. विजयशंकर धारणीय खेती और जल संसाधन प्रबंधन के विशेषज्ञ हैं। वह कहते हैं कि1960 के दशक में भारत की हरित क्रांति द्वारा लाई गई उत्पादन-केंद्रित कृषि, उच्च उपज वाले बीजों, उर्वरकों और भूजल के अत्याधिक उपयोग से भारत को 1970 के दशक तक खाद्य आत्मनिर्भरता हासिल करने में मदद तो मिली, लेकिन इसने मृदा स्वास्थ्य, भूजल और अन्य प्राकृतिक संसाधनों का काफी नुकसान भी किया। भारत को...

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नए ताप विद्युत संयंत्रों को कैसे प्रभावित करेगा 40% अक्षय ऊर्जा का नया नियम

मोंगाबे हिंदी,8 मई ऊर्जा मंत्रालय (MoP) ने ऊर्जा उत्पादकों के लिए 27 फरवरी को ‘रिन्यूएबल जेनरेशन ऑब्लिगेशन (आरजीओ)’ की एक नई अवधारणा पेश करते हुए एक अधिसूचना जारी की। अधिसूचना के मुताबिक, किसी भी कोयला या लिग्नाइट-आधारित नए कमर्शियल थर्मल पावर प्लांट को अपनी कुल ऊर्जा का एक हिस्सा नवीकरणीय स्रोतों से पैदा करना होगा। नए आरजीओ के अनुसार, इन संयत्रों को अपनी कुल क्षमता के कम से कम 40 प्रतिशत हिस्से...

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देश में बढ़ रही नेट-ज़ीरो इमारतें लेकिन सरकारी नियमों की कमी से रफ्तार धीमी

मोंगाबे हिंदी, 25 अप्रैल कर्नाटक के उडुपी जिले के कुन्दापुरा में बदरिया जुमा 15,000 वर्ग फ़ीट में फैली मस्जिद है। मस्जिद की अन्य लोकप्रिय डिजाइनों के विपरीत इस धार्मिक इमारत का एक अलग रूप है। अंग्रेजी के अक्षर एल (L) के आकार की मस्जिद की इमारत के सबसे ऊपर पर एक पवन चक्की है। छत पर सौर पैनल लगे हैं। पिछले साल इसे इंडियन ग्रीन बिल्डिंग काउंसिल (आईजीबीसी) की तरफ से...

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प्रकृति के बचाव के लिए नए वैश्विक लक्ष्यों को कैसे पूरा करेगा भारत?

द थर्ड पोल, 11 अप्रैल दिसंबर 2022 में दुनिया की सरकारें हर जगह जैव विविधता यानी जंगली पौधों और जानवरों के तेज़ी से गायब होने की समस्या से निपटने के लिए कई कार्रवाइयों पर सहमत हुईं। कुछ विशेषज्ञों ने द् थर्ड पोल को बताया कि भारत को इन लक्ष्यों को असलियत बनाने में कुछ चीज़ों पर ध्यान देना होगा। जैसे: हैबिटैट संपर्क, ऐसे इकोसिस्टम जिन पर ध्यान नहीं दिया गया और...

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उत्तराखंड: किसानों पर आफत की बारिश, बिजली गिरने से 350 बकरियां मरीं

जनचौक, 27 मार्च जलवायु परिवर्तन के कारण मार्च के महीने में मौसम का बदलता मिजाज प्रदेश के किसानों के लिए किसी आफत से कम नहीं है। बे-मौसमी बरसात से राज्य में कृषि क्षेत्र को व्यापक नुकसान हुआ है। छोटे और मझोले किसानों के लिए यह किसी आपदा से कम नहीं है। अतिवृष्टि और बिजली गिरने के कारण उत्तरकाशी जिले में पशुपालकों की साढ़े तीन सौ बकरियां मर चुकी हैं। प्रदेश भर...

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