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राजा ने लूटी रंकों की रोटी- आशीष खेतान(तहलका, हिन्दी)

 सपा की पिछली सरकार में खाद्य और आपूर्ति विभाग के मंत्री रहे राजा भैया ने जन वितरण प्रणाली में घोटाले के जरिए 100 करोड़ रुपये बनाए. वे एक बार फिर से उसी विभाग के मंत्री हैं. उनके कारनामों को आशीष खेतान उजागर कर रहे हैं  यह किसी केंद्रीय मंत्री और बड़े औद्योगिक घराने के बीच हुए अनैतिक लेन-देन की कहानी नहीं है. यह कहानी है हमारे समाज के सबसे वंचित और शोषित तबके...

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चाल गिरने से दो मजदूरों की मौत

पाथरडीह/भौंरा : बीसीसीएल के पूर्वी झरिया क्षेत्र की पाथरडीह कोलियरी की छह नंबर खदान में शनिवार को रात्रि पाली में चाल गिरने से सुधीर बाउरी और शंकर मांझी नामक दो कोयला मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गयी, जबकि एक मजदूर घायल हो गया और शिबू बाउरी नामक श्रमिक बाल-बाल बचा. घायल गाधु सहिस नामक मजदूर का इलाज बीसीसीएल के जगजीवन नगर स्थित सेंट्रल हॉस्पिटल में चल रहा है. रविवार...

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मनरेगा - पांच साल दुनिया की सबसे बड़ी रोजगार गारंटी योजना के

बहुत थोड़ी होती है पांच साल की अवधि फिर भी नरेगा की उपलब्धियां आवाक कर रही हैं। देश के सर्वाधिक गरीब में शुमार लोगों में से तकरीबन दस करोड़ ने बैंक या फिर पोस्ट-ऑफिस में बैंक अकाऊंट खोले हैं, लोग अपना अधिकार समझकर काम मांग रहे हैं, हजारों गांवों में कुएं-तालाब और ऐसे ही सामुदायिक इस्तेमाल के कई संसाधन तैयार हो रहे हैं, औरत हो या मर्द- दोनों को बराबर के काम के लिए बराबर की...

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नरेगा श्रमिकों को कार्यस्थल पर मिलेगा भुगतान

चित्तौडग़ढ़, २३ मई (प्रासं)। महानरेगा श्रमिकों को मेहनताने में देरी व अनियमितताओं की समस्या से जल्द राहत मिलेगी। श्रमिकों के पारिश्रमिक का भुगतान अब डाकघर से सीधा कार्यस्थल पर लाया जाकर मौके पर हाथों हाथ बांट दिया जाएगा। महानरेगा श्रमिकों को मेहनताने के लिए अब तक कई कई दिन इंतजार करना पड़ता था। सकरार की ओर से भुगतान की व्यवस्था डाकघर एवं बैंक के माध्यम से की हुई है। इसके लिए श्रमिकों के खाते भी बैंक एवं...

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डाकिया डाक लाया- रस्किन बांड

देश के सुदूर ग्रामीण इलाकों और एकांत पहाड़ों पर, जहां ऐसी सड़कें नहीं हैं कि गाड़ियां आ-जा सकें, वहां आज भी डाकिए पैदल चलकर डाक पहुंचाने जाते हैं। वे प्रतिदिन पांच-छह मील पैदल चलते हैं। सच है कि वे पुराने हरकारों की तरह दौड़ते नहीं और रास्ते में कभी-कभार चाय पीने या ताश खेलने के लिए रुक भी जाते हैं, लेकिन ये डाकिए आज भी पुराने जमाने के हरकारों की याद दिलाते हैं। डाकियों ने हमेशा...

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