डाउन टू अर्थ, 23 अगस्त देश की सबसे बड़ी खाद निर्माता कंपनी इंडियन फॉर्मर्स फर्टिलाइजर को-ऑपरेटिव (इफको) ने नोवेल नाइट्रोजन फर्टिलाइजर नैनो तरल यूरिया लांच करते हुए यह प्रचार किया था कि यह पूरी तरह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध है। हालांकि एक हालिया ओपिनियन पेपर ने इसकी वैज्ञानिक प्रमाणिकता पर सवाल उठाते हुए अपने निष्कर्ष में कहा है नैनो यूरिया में शायद ही कोई विशेषता हो जो वैज्ञानिक रूप से सिद्ध...
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घरों से ज्यादा इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन में हानिकारक केमिकल्स का सामना करते हैं अंतरिक्ष यात्री
डाउन टू अर्थ, 21 अगस्त वैज्ञानिकों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) में भी हानिकारक केमिकल के होने के सबूत मिले हैं। इस बारे में किए एक नए अध्ययन के मुताबिक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर लगे एयर फिल्टरों से इकट्ठा की धूल में हानिकारक केमिकल मिले हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इनकी मात्रा ज्यादातर अमेरिकी घरों की धूल में मौजूद हानिकारक केमिकल्स की मात्रा से भी ज्यादा है। शोधकर्ताओं इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के एयर...
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डाउन टू अर्थ , 17 अगस्त वैज्ञानिकों को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (आईएसएस) में भी हानिकारक केमिकल के होने के सबूत मिले हैं। इस बारे में किए एक नए अध्ययन के मुताबिक इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर लगे एयर फिल्टरों से इकट्ठा की धूल में हानिकारक केमिकल मिले हैं। वैज्ञानिकों के अनुसार इनकी मात्रा ज्यादातर अमेरिकी घरों की धूल में मौजूद हानिकारक केमिकल्स की मात्रा से भी ज्यादा है। शोधकर्ताओं इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के...
More »आर्थिक विकास और वित्तीय स्थिरता पर जलवायु परिवर्तन के प्रभावों की जांच करती आरबीआई की रिपोर्ट
मोंगाबे हिंदी, 10 अगस्त भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2022-23 के लिए मुद्रा और वित्त रिपोर्ट (आरसीएफ) में मुख्य रूप से जलवायु परिवर्तन पर ध्यान दिया है। यह भारत में केंद्रीय बैंकिंग और व्यापक आर्थिक मुद्दों से संबंधित समसामयिक मुद्दों पर एक थीम-आधारित वार्षिक रिपोर्ट है। इस साल की रिपोर्ट नीतिगत प्राथमिकता के रूप में जलवायु लक्ष्यों पर जोर देती है और भारत के लिए जलवायु परिवर्तन के संभावित व्यापक-वित्तीय परिणामों...
More »ग्लोबल वार्मिंग के कारण सालों तक बढ़ेगी ला नीना की घटनाएं: अध्ययन
डाउन टू अर्थ, 28 जुलाई दक्षिणी दोलन (ईएनएसओ) पृथ्वी का सबसे अहम सालभर होने वाला जलवायु उतार-चढ़ाव है। गर्म अल नीनो और ठंडे ला नीना चरणों के बीच अनियमित रूप से बदलाव करते हुए, यह समुद्र की सतह के तापमान में बदलाव लाता है और उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में हवा और वर्षा के पैटर्न में गड़बड़ी पैदा करता है। अल नीनो के विपरीत, जो आम तौर पर एक वर्ष तक रहता है, ला...
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